PTI, Kochi: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) 'माहे' गुरुवार को भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंप दिया। यह आठ ASW SWC की श्रृंखला का पहला युद्धपोत है।
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| 'माहे' भारत का पहला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है। |
News Subah Ki: भारतीय नौसेना (Indian Navy) को एक बहुत ही शानदार और उन्नत युद्धपोत जो खास कर पनडुब्बी के शिकार करने में महारत हासिल किया है, सौंपा गया। जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है। यह एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) 'माहे' गुरुवार (23 अक्टूबर 2025) को भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंप दिया गया। यह आठ ASW SWC की श्रृंखला का पहला युद्धपोत है। इसमें इस्तेमाल होने वाला लगभग 90 फीसदी सामग्री पूर्ण रूप से स्वदेशी है।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) भारत की सबसे बड़ी जहाज निर्माण और मरम्मत कंपनी है, जो कोच्चि, केरल में स्थित है, ने इस युद्धपोत का निर्माण किया है, जिसका नाम है "माहे"। इस युद्धपोत को पनडुब्बी के शिकार करने के लिए विकसित किया गया है। ये एक ऐसा जहाज है, जो पानी के साथ दुश्मन की पनडुब्बियों के इरादों को भी चीरने की ताकत रखता है। जो समुद्री इलाकों में छिपी पनडुब्बियों को ढूंढ कर खामोशी से वार कर सकता है। माहे का नौसेना में शामिल होना सिर्फ एक युद्धपोत की डिलीवरी नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की लहर पर सवार भारतीय इंजीनियरिंग का गूंज है।
Highlights
✅ भारत का पहला स्वदेशी एंटी-सबमरीन युद्धपोत है "माहे" जिसे केरला के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने विकसित किया है।
✅ INS माहे युद्धपोत को खास तौर पर दुश्मन के पनडुब्बियों के शिकार करने के लिए विकसित किया गया है।
✅ यह एक युद्धपोत ही नहीं बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' की लहर पर सवार भारतीय इंजीनियरिंग का गूंज है।
✅ 78 मीटर लम्बी यह युद्धपोत डीजल इंजन-वाटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक पोत है।
✅ इस एंटी-सबमरीन 'माहे' का अधिकतम रफ्तार करीब 25 नॉटिकल मील (47 किमी/घंटा) हैं।
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| 'माहे' भारत का पहला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है। |
"माहे" के कमांडर अमित चंद्र चौबे ने हस्ताक्षर किए:
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के अनुसार, स्वीकृति पत्र पर CSL के निदेशक (Operation) डा. एस. हरिकृष्णन और 'माहे' के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर अमित चंद्र चौबे ने हस्ताक्षर किए।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के बयान में कहा गया है कि 78 मीटर (255.19 फुट) लंबा और करीब 11 मीटर (36.11 फुट) चौड़ा यह युद्धपोत डीजल इंजन-वाटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक युद्धपोत है। और इसका रफ्तार करीब 25 नॉटिकल मील (47 किमी/घंटा) हैं। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
"माहे" के आने से नौसेना का पनडुब्बी रोधी ताकत बढ़ेगा:
इसे पानी के भीतर निगरानी, खोज और बचाव कार्यों और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (LIMO) के लिए डिजाइन किया गया है। यह ASW राकेट और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता के साथ तटीय पनडुब्बी रोधी ताकत बढ़ाएगा।
माहे युद्धपोत की डिलीवरी नौसेना (Navy) के स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रयासों और सरकार के ''आत्मनिर्भर भारत'' के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
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