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कारगिल युद्ध में जिसका सबसे ज्यादा कमी खली थी? उस कमी को पूरा करता हैं, भारत का स्वदेशी LCH प्रचंड!

India's Light Combat Helicopter Prachand: भारत सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) को एक प्रस्ताव दिया था, हल्का आक्रमण हेलिकाप्टर विकसित करने के लिए। उसी बात को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय थलसेना (IA) दोनों के लिए एक लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" को विकसित किया, जो भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी हल्का आक्रमण हेलिकाप्टर है। 

भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"
भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"


News Subha ki: भारत का पाकिस्तान के साथ 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था, उस समय भारतीय सेना (Indian Army) के पास ऐसा कोई हेलिकाप्टर नहीं था, जो कारगिल की ऊंची चोटियों पर पहुंच कर सेना को मदद प्रदान कर सके। उस समय भारतीय सेना (IA) को एक हल्का लड़ाकू हेलिकाप्टर का बहुत ज्यादा कमी महसूस हुआ था। उस कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार (Indian Government) ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) को एक प्रस्ताव दिया था, हल्का आक्रमण हेलिकाप्टर विकसित करने के लिए।

उसी बात को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) ने भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय थलसेना (IA) दोनों के लिए एक लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) प्रचंड को विकसित किया, जो भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी हल्का आक्रमण हेलिकाप्टर है। यह प्रचंड हेलिकाप्टर ऊँचाई वाले इलाकों (High-Altitude Warfare) के लिए बनाया गया है।

यानी कि यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" हिमालय की ऊंची चोटियों, लद्दाख या सियाचिन जैसे कठिन और दुर्गम वातावरण में भी उड़ान भर सकता है। जहाँ दूसरे देशों के लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के लिए संघर्ष करते रहते हैं।

 Highlights  

हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) ने एक लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" को विकसित किया है।

लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" को पूरी तरह से 100% स्वदेशी तकनीक पर निर्माण किया गया है।

यह "प्रचंड" हेलिकाप्टर 268 किमी/घंटा के रफ्तार से 550 किलोमीटर तक की रेंज में उड़ान भरता है।

यह "प्रचंड" हल्का हेलिकाप्टर लगभग 6,500 मीटर (21,325 फुट) तक की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होते हैं।

यह हिमालय की दुर्गम चोटियों, लद्दाख या सियाचिन जैसे कठिन वातावरण में उड़ान भरता है, जहाँ दूसरे देशों के हेलिकॉप्टर उड़ान के लिए संघर्ष करते हैं।

भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"
भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"


"प्रचंड" हेलिकाप्टर की मुख्य तकनीकी विशेषता:

हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" का पहला परीक्षण उड़ान 29 मार्च 2010 को हुआ था। और इसे भारतीय वायुसेना में सेवा के लिए औपचारिक रूप से 3 अक्टूबर 2022 को शामिल किया गया था। "प्रचंड" हेलिकाप्टर का अधिकतम वजन लगभग 5.8 टन के करीब है। इसमें दो HAL/Turbomeca Shakti टर्बोशाफ्ट इंजन लगे हुए हैं, जो इसे 268 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार प्रदान करते हैं। इस LCH "प्रचंड" की रेंज लगभग 550 किलोमीटर के करीब है। इस हेलिकाप्टर को दो क्रू मेंबर (पायलट और गनर) ऑपरेट करते हैं। यह "प्रचंड" हेलिकाप्टर (Service Ceiling) 6,500 मीटर (21,325 फुट) तक की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होते हैं।

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भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"
भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"


"प्रचंड" हेलिकाप्टर की हथियार प्रणाली:

लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" में 20mm का Nose-mounted गन (Nexter THL-20) लगे होते हैं। और इस हेलिकाप्टर में ग्राउंड पर सटीक अटैक के लिए इसमें 70mm रॉकेट्स की रॉकेट पॉड्स लगे रहते हैं। मिसाइल की बात करें तो इस हेलिकाप्टर में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ध्रुवास्त्र भी लगे हुए हैं। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल भी इंटीग्रेट किया जा सकता है। और इस हेलिकाप्टर को तरह-तरह के बॉम्ब/पॉड्स बम, फलेयर्स, और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम (EWS) से लैस किया जा सकता है।

"प्रचंड" हेलिकाप्टर की कुछ विशेष खूबियां:

भारत का यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" सर्दियों में -30°C तापमान और गर्मियों में +50°C तक के तापमान में उड़ान भरने में सक्षम होता है।

यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" Stealth डिजाइन, कम रडार सिग्नेचर और इन्फ्रारेड (IR) सिग्नेचर को घटाने की क्षमता रखता है।

यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" क्रैश-योग्य सीटें, बख़्तरबंद केबिन, और ईंधन टैंक सुरक्षा तकनीक से लैस होता है।

यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर के लिए डिजिटल सिस्टम से लैस होता हैं।

इस लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर LCH "प्रचंड" में रात्रि मिशन (Night Vision) के लिए इसमें थर्मल इमेजिंग सेंसर दिया गया है।

भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"
भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड"


लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" की सेना में स्थिति:

भारतीय वायुसेना (IAF) ने प्रारंभिक रूप से 10 लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" को इंडक्ट किए हैं, साल 2022-2023 में। और भारतीय थलसेना (IA) को भी लगभग 5 यूनिट प्राप्त हुए हैं। भारतीय सेना ने अभी तक कुल 145 लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" की खरीद की योजना है। जिसमे से भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए 65 हेलिकाप्टर और भारतीय थलसेना (IA) के लिए 80 हेलिकाप्टर है।

हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) का कहना है कि भविष्य में इस लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) “प्रचंड” को ध्रुवास्त्र एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) से लैस किया जाएगा, जिससे इसकी टैंक-विरोधी क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हो जाएगी।

लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" का महत्त्व:

दुनिया का एकमात्र हल्का कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) "प्रचंड" जो भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल है। जो लगभग 21,500 फीट की ऊँचाई पर उड़ान भर सकता है। यह पूरी तरह से Make in India परियोजना के तहत निर्मित हुआ है। जो भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में बड़ा कदम है।

यह लाइट कॉम्बैट हेलिकाप्टर (LCH) "प्रचंड" भारत के पहाड़ी क्षेत्र जैसे सियाचिन, लद्दाख, और हिमालयी क्षेत्रों के दुर्गम सीमाओं पर दुश्मन के टैंकों, बंकरों और ड्रोन पर सटीक वार/हमला करने में सक्षम होता है।


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