आज भारत उस स्थिति है, कि पुरी दुनिया को धीमी विकास दर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है: प्रधानमंत्री मोदी

Media Event in New Delhi: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वैश्विक विकास (Global Development) को गति देने के लिए, भारत के आर्थिक विकास, सुधारों और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए।

प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए


News Subah Ki: नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने शनिवार (23 अगस्त, 2025) को कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र से निर्देशित होकर भारत दुनिया को धीमी विकास दर से बाहर निकालने में मदद करने की स्थिति में है। और भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर है।

यह कहते हुए कि सुधार उनकी सरकार के लिए प्रतिबद्धता और दृढ़ विश्वास का विषय है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगली पीढ़ी (Next-Gen) की जीएसटी सुधार प्रक्रिया (GST Reform Process), जो कानून को सरल बनाने का प्रयास करती है, दिवाली से पहले पूरी हो जाएगी और कीमतों में कमी लाएगी।

 Highlights  

✅ आज भारत दुनिया को धीमी विकास दर से बाहर निकालने में मदद करने की स्थिति में है।

 तीन मानकों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है: गति (Speed), पैमाना (Scale) और दायरा (Scope)।

✅ भारत बहुत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व विकास में भारत का योगदान बहुत जल्द लगभग 20% हो जाएगा।

✅ वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है।

प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए


अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने का आग्रह:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने निजी क्षेत्र से स्वच्छ ऊर्जा, क्वांटम तकनीक, बैटरी भंडारण, उन्नत सामग्री और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने का भी आग्रह किया। इससे विकसित भारत के संकल्प को बल मिलेगा। और उन्होंने कहा, "जो हासिल हो चुका है, उससे संतुष्ट होना मेरे स्वभाव में नहीं है। यही दृष्टिकोण हमारे सुधारों का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने आगे कहा, हमारे लिए सुधार न तो कोई मजबूरी है और न ही संकट से प्रेरित, बल्कि ये प्रतिबद्धता और दृढ़ विश्वास का विषय हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सुधारों का एक व्यापक नया दायरा लाने जा रही है। उन्होंने कहा, अगली पीढ़ी के सुधारों के इस शस्त्रागार से भारत में विनिर्माण बढ़ेगा, बाजार में मांग बढ़ेगी, उद्योग को नया बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जीवनयापन में आसानी तथा व्यवसाय करने में आसानी दोनों में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्षी दलों के व्यवधान के बावजूद संसद के हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान सुधारों को जारी रखा।

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प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए


भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत का एहसास:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सुधार (Improvements), प्रदर्शन (Performances) और परिवर्तन ( के मंत्र से प्रेरित होकर, भारत आज दुनिया को धीमी विकास दर से बाहर निकालने में मदद करने की स्थिति में है। "प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संदर्भ में, भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत का एहसास किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व विकास में भारत का योगदान बहुत जल्द लगभग 20 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में यह वृद्धि और लचीलापन पिछले दशक में भारत द्वारा हासिल की गई व्यापक आर्थिक स्थिरता के कारण है। 

आज, राजकोषीय घाटा घटकर 4.4% रह जाने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था की बुनियादी बातों के बारे में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय कंपनियाँ पूंजी बाज़ारों से रिकॉर्ड धन जुटा रही हैं, बैंक पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत हैं, मुद्रास्फीति बहुत कम है और ब्याज दरें भी कम हैं। चालू खाता घाटा नियंत्रण में है, विदेशी मुद्रा भंडार भी मज़बूत है, और हर महीने लाखों घरेलू निवेशक एसआईपी (SIP) के ज़रिए बाज़ार में हज़ारों करोड़ रुपये निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, आप यह भी जानते हैं कि जब अर्थव्यवस्था की बुनियाद मज़बूत होती है, उसकी नींव मज़बूत होती है, तो उसका असर हर जगह दिखता है।

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर:

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर पूरी ताकत से काम कर रहा है और विकसित भारत का आधार आत्मनिर्भर भारत है। उन्होंने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए देश को तीन मानकों पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है: गति (Speed), पैमाना (Scale) और दायरा (Scope)।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक आम मुहावरे: 'बस छूट जाना' का ज़िक्र करते हुए कहा कि अगर अवसरों का फ़ायदा न उठाया जाए, तो वे हाथ से निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की पिछली सरकारों ने तकनीक और उद्योग के क्षेत्र में कई ऐसे अवसरों को गँवा दिया।

लेकिन 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत ने अपना दृष्टिकोण बदला और संकल्प लिया कि अब कोई और बस नहीं छूटेगी, बल्कि आगे बढ़कर नेतृत्व संभाला और आगे बढ़ा।

प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए


विकसित भारत की कुछ जरूरी उपलब्धियां: 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि भारत ने अपना पूरा 5G सिस्टम घरेलू स्तर पर ही विकसित किया है। उन्होंने आगे कहा कि देश अब तेज़ी से मेड-इन-इंडिया (Made in India6G तकनीक पर काम कर रहा है। आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक, भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात लगभग ₹50,000 करोड़ प्रति वर्ष था। आज, भारत प्रति वर्ष ₹1.2 लाख करोड़ मूल्य के ऑटोमोबाइल निर्यात करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत ने अब मेट्रो कोच, रेल कोच और रेल इंजनों का निर्यात शुरू कर दिया है। और उन्होंने यह भी बताया कि भारत 100 देशों को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्यात करके एक और उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है, और इस उपलब्धि से संबंधित एक बड़ा कार्यक्रम 26 अगस्त को होगा।


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