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भारतीय पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांसीसी इंजन |
News Subah Ki: भारत ने अमेरिका को जोर का झटका देते हुए, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से करार रद्द कर फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी (5th Gen) का देसी स्टील्थ फाइटर जेट इंजन बनाने की तैयारी पुरी कर ली है। जल्द ही दोनों देशों के बीच डील फाइनल हो सकता है। हाल ही में अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच यह भारत का बड़ा कदम है। अमेरिका के भारी-भरकम टैरिफ और धमकियों के बीच भारत ने जेट इंजन को लेकर उसे (अमेरिका को) बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है।
Highlights
✅ भारत का जेट इंजन को लेकर अमेरिका को बड़ा झटका देने की तैयारी।
भारत अब फ्रांस के साथ मिलकर जेट इंजन बनाएगा:
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को घोषणा की है कि भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) अब फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर ताकतवर स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी (5th Gen) का स्टील्थ फाइटर जेट इंजन बनाने जा रहा है। सरकार के इस कदम से फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। जानकारी के मुताबिक जल्द ही भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से मंजूरी के लिए भेजेगा।
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भारतीय पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांसीसी इंजन |
फ्रांस की कंपनी 100 फीसदी तकनीक ट्रांसफर करेगी:
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस की कंपनी सफ्रान समझौते के तहत 100 फीसदी तकनीक का हस्तांतरण भारत को करेगी। रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार, फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी सफ्रान भारत को तकनीक और पूर्ण बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) हस्तांतरित करने होंगे। तब भारत और फ्रांस की कंपनी मिलकर भारत में ही 120 kN (किलोन्यूटन) के थ्रस्ट वाले इंजन को बनाएंगे। DRDO ने सफ्रान कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। क्योंकि कंपनी ने पहले भी भारत में हेलिकॉप्टर के इंजन बनाए हैं। DRDO का कहना है कि सफ्रान कंपनी पांचवीं पीढ़ी (5th Gen) के लड़ाकू विमान AMCA के लिए एक अच्छा ऑप्शन रहने वाला है। इस प्रोजेक्ट में DRDO की लैब गैस टरबाइन रिसर्च (GTR) को भी शामिल किया जाएगा जिसका खर्च $7 अरब डॉलर यानि (₹61,115 करोड़ रुपए) के करीब आएगा।
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भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दे दी मंजूरी:
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा है कि भारत के लिए जरूरी है कि घर में ही पांचवीं पीढ़ी (5th Gen) के लड़ाकू विमान (Fighter Jet) बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत ने फाइटर जेट इंजन के निर्माण की दिशा में अपना कदम बढ़ा दिया है। बता दें कि हाल ही में भारतीय वायुसेना (IAF) ने विमानों की कमी को लेकर पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि आने वाले समय में कुछ और विमान रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में बेड़े में और ज्यादा विमानों को शामिल किए जाने की जरूरत है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने मई महीने में 25 MT वाले AMCA प्रोटोटाइप डेवलप को लेकर एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।
जेट इंजन बनाने के मामले में अमेरिकी दबदबा:
हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच अभी तक साथ मिलकर विमान इंजन के निर्माण को लेकर फाइनल डील नहीं हुआ है। इसके लिए $1.5 बिलियन डॉलर में 80 फीसदी तकनीक का ट्रांसफर होना है। अधिकारियों का कहना है कि सफ्रान के साथ जो प्रोजेक्ट शुरू होगा इसमें भारत के पास इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी का पूरा स्वामित्व और लाइसेंसिंग कंट्रोल होगा। बताते चले कि जेट इंजन बनाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका का दबदबा है। वहीं फ्रांस के साथ मिलकर भारत जिस तरह से जेट इंजन के क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है, इससे अमेरिका का दबदबा कम होगा।
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