Opretion Sindoor: आज साबित हो गया कि भारत सरकार ने जो फ्रांस से राफेल फाइटर जेट लेने के लिए फैसला लिया था वो बिल्कुल सही और देशहित में था। उस समय भारत के सारी विपक्षी पार्टियां इस राफेल लड़ाकू विमान के सौदे के विरोध में थी। भारत के पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी ने उस समय जो राफेल फाइटर जेट लेने के लिए एक साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया था।
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भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी |
News Subah Ki: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उस समय जो राफेल फाइटर जेट लेने के लिए एक साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया था। परन्तु उस समय भारत के सारी विपक्षी पार्टियां इस राफेल लड़ाकू विमान के सौदे के विरोध में (खासकर कांग्रेस पार्टी) थी। मगर आज साबित हो गया कि भारत सरकार (मोदी जी) ने जो फ्रांस से राफेल फाइटर जेट लेने के लिए फैसला लिया था वो बिल्कुल सही और देशहित में था। राफेल फाइटर जेट के निर्माता कंपनी डसाल्ट एविएशन से यह डील नहीं हुआ था बल्कि यह सौदा डायरेक्ट भारत और फ्रांस के सरकार टू सरकार (GtG) के बीच हुआ था।
भारत में पहले के सरकारों में अक्सर ये देखा गया है कि कोई भी रक्षा सौदा (डील) डायरेक्ट सरकार से न हो कर बिचौलिए के तहत ही होता था। इसके एक नहीं बल्कि बहुत सारे प्रमाण भी हैं, जैसे बोफोर्स तोप, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाप्टर और भी कई सौदे हुए हैं, जिसमे सरकार और बिचौलिए पर कई बार अंगुली उठा है। क्योंकि इसमें पारदर्शिता की कमी होती है, मगर 2014 के बाद से यह भी मिथक साबित हुए हैं।
Highlights
✅ मोदी जी का साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, साल 2014 से अब तक सेना के लिए समर्पित।
✅ फ्रांस से 36 राफेल जेट और 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान खरीदा।
✅ अमेरिका से 22 अपाचे हेलिकाप्टर और 15 चिनुक हेलिकाप्टर खरीदा।
✅ रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के 5 स्क्वॉड्रन खरीदा।
✅ अमेरिका से MQ-9B UAV रीपर ड्रोन खरीदने का फैसला।
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भारतीय वायुसेना का लोकप्रिय राफेल फाइटर जेट |
फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट का सौदा:
मोदी जी के नेतृत्व में राफेल मरीन से पहले भारत फ्रांस से अपने एयरफोर्स के लिए 36 राफेल फाइटर जेट भी खरीद चुका है। 2016 में हुई इस डील के सभी लड़ाकू विमान 2022 में भारत पहुंचे थे। इन्हें एयरफोर्स के अंबाला (पंजाब) और हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) एयरबेस से संचालित किया जाता है। ये डील लगभग ₹58,000 करोड़ रुपए में हुई थी।
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फ्रांस से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट का भी डील:
भारत और फ्रांस ने सोमवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए लगभग ₹64,000 करोड़ मूल्य का अंतर-सरकारी समझौता (IGA) किया। इनकी डिलीवरी 2028 के मध्य से शुरू होगी, और 2030 तक पूरी होने की संभावना जताई जा रही है।
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भारतीय वायुसेना का चिनुक एवम् अपाचे हेलिकाप्टर |
अमेरिका से अपाचे और चिनुक हेलिकाप्टर सौदा:
भारत और अमेरिका के बीच लगभग $2.5 अरब डॉलर (₹21,250 करोड़) के इस सौदे में 22 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं। इससे पहले अमेरिका के फिलाडेल्फिया में बोइंग ने इसी हफ्ते भारत को पहले चिनूक हेलिकॉप्टर की खेप आधिकारिक रूप से सौंप दी थी। डील के मुताबिक, इस साल के अंत तक भारत को सभी अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे। इससे वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। इससे पहले अमेरिका के फिलाडेल्फिया में बोइंग ने इसी हफ्ते भारत को पहले चिनूक हेलिकॉप्टर की खेप आधिकारिक रूप से सौंप दी थी। डील के मुताबिक, इस साल के अंत तक भारत को सभी अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे। इससे वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।
बोइंग के मुताबिक, अपाचे दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू हेलिकॉप्टर माने जाते हैं। वहीं, चिनूक हेलिकॉप्टर बहुत ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। चिनूक भारी-भरकम सामान को भी काफी ऊंचाई पर आसानी से पहुंचा सकता है। अमेरिकी सेना लंबे वक्त से अपाचे और चिनूक का इस्तेमाल कर रही है। भारत अपाचे का इस्तेमाल करने वाला 14वां और चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा। बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी।
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भारत का सुदर्शन चक्र (S-400) एयर डिफेंस |
रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदा:
भारत ने अमेरिका के पुरजोर विरुद्ध के बावजूद साल 2018 में रूस के साथ
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के 5 स्क्वॉड्रन के लिए करीब
₹35,000 करोड़ के सौदे (डील) पर साइन किए थे। जिसमे से रूस ने अभी तक भारत को 3 स्क्वॉड्रन की ही डिलीवरी किया है, और अभी 2 स्क्वॉड्रन आना बाकी है। और अभी फिलहाल पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों में
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर कई मिसाइलों और ड्रोन से हमले किए थे, जिसको
S-400 ने नाकाम कर दिया था।
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भारतीय सेना में शामिल MQ-9B रीपर ड्रोन |
अमेरिकी MQ-9B UAV ड्रोन सौदा:
भारत ने अमेरिका से MQ-9B UAV रीपर ड्रोन खरीदने के लिए लगभग ₹32,000 करोड़ (US$3.8 बिलियन) का सौदा (डील) किया है। और इसमें ड्रोन को बाद में स्वदेशी हथियार प्रणाली से लैस करने का समझौता भी शामिल है। 9 अक्टूबर 2024 को, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने 31 MQ-9B यूएवी खरीदने के लिए लगभग ₹30,000 करोड़ (US$3.5 बिलियन) की परियोजना को मंज़ूरी दे दी।
Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।