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| भारत का स्वदेशी INS Vikrant विमानवाहक युद्धपोत का काफिला। |
News Subah Ki: काश्मीर के पहलगाम में आंतकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने अपने पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant को अरब सागर में करवर तट के पास तैनात किया है। भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत है INS Vikrant, जो भारतीय नौसेना की शक्ति और क्षमता को बढ़ाता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद नौसेना ने इसे पाकिस्तान के करीब पहुंचा दिया है। यह युद्धपोत विभिन्न हथियारों और विमानों से लैस है, जो इसे एक शक्तिशाली युद्धपोत स्ट्राइक ग्रुप बनाता है। इस युद्धपोत के स्ट्राइक ग्रुप में एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज शामिल हैं।
INS Vikrant युद्धपोत स्ट्राइक ग्रुप एक शक्तिशाली इकाई के रूप में काम करता है, जो विभिन्न समुद्री अभियानों में भाग ले सकता है। ये ग्रुप एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाती हैं जो वायु, सतह और पनडुब्बी से बचाव करती हैं। और ये स्ट्राइक ग्रुप किसी भी समय पाकिस्तानी नौसेना के छक्के छुड़ा सकती है। यह INS Vikrant युद्धपोत और इसके स्ट्राइक ग्रुप कराची और ग्वादर बंदरगाह तक ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान को तबाह करने की ताकत रखता है। आइए जानते पूरे विस्तार से इस INS Vikrant युद्धपोत स्ट्राइक ग्रुप के बारे मे।
Highlights
✅ INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत है, जो भारतीय नौसेना की शक्ति और क्षमता को बढ़ाता है।
✅ INS विक्रांत विमानवाहक युद्धपोत लगभग 262 मीटर (859.58 फुट) लंबा और 59 मीटर (193.57 फुट) चौड़ा है।
✅ INS Vikrant युद्धपोत स्ट्राइक ग्रुप में विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज भी शामिल होते हैं।
✅ इस युद्धपोत पर MiG-29K जैसे 40 लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन तैनात होते हैं।
✅ INS विक्रांत विमानवाहक युद्धपोत स्ट्राइक ग्रुप एक चलता फिरता किला है, जिससे पार पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
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| भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS विक्रांत! |
कितने खतरनाक युद्धपोत हैं, इस स्ट्राइक ग्रुप में?
भारत के इस खतरनाक INS Vikrant विमानवाहक युद्धपोत के स्ट्राइक ग्रुप में बहुत ही शानदार और वर्ल्ड लेवल के विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज भी शामिल होते हैं, जो इस प्रकार के हैं।
• ⚓ विमानवाहक INS Vikrant युद्धपोत
• ⚓ स्टेल्थ INS Kolkata डेस्ट्रॉयर
• ⚓ डेस्ट्रॉयर INS Vishakhapatnam
• ⚓ स्टेल्थ INS Mormugao डेस्ट्रॉयर
• ⚓ स्टेल्थ INS Chennai डेस्ट्रॉयर
• ⚓ स्टेल्थ फ्रिगेट INS Talwar
इन सारे युद्धपोतों की डिटेल्स और पूरी जानकारी नीचे विस्तार से बताया गया है, आपकी मदद के लिए।
विमानवाहक INS Vikrant युद्धपोत:
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| भारत का स्वदेशी INS Vikrant विमानवाहक युद्धपोत |
भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत (Aircraft Carrier) INS Vikrant देश का शान और भारतीय नेवी (Indian Navy) का जान है। इस युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट लगभग 45 हजार MT है। यह 262 मीटर (859.58 फुट) लंबा और 59 मीटर (193.57 फुट) चौड़ा है। यह विमानवाहक युद्धपोत अपने ऊपर लगभग 40 लड़ाकू विमानों को लेकर चल सकता है।
इस INS Vikrant विमानवाहक युद्धपोत (Aircraft Carrier) में अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) के चार बहुत ही ताकतवर LM2500 गैस टरबाइन इंजन लगे हुए हैं। जो 88 मेगावाट का पॉवर जेनरेट करता है और इसे 1,18,010 हॉर्सपावर (HP) की असीमित ताकत प्रदान करता हैं। जिससे यह विमानवाहक युद्धपोत लगभग 28 समुद्री मील (52 किमी/घंटा) की अधिकतम रफ्तार से चलता है। और इसका रेंज करीब 7,500 समुद्री मील (13,890 कि.मी.) के लगभग एक बार ईंधन भरने पर है। इस युद्धपोत पर MiG-29K जैसे 40 लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन तैनात होते हैं।
इस INS Vikrant विमानवाहक युद्धपोत (Aircraft Carrier) की स्ट्राइक फोर्स का रेंज लगभग 1,500 किलोमीटर है। इस विमानवाहक युद्धपोत पर करीब 64 बराक मिसाइलें (इजराइल द्वारा निर्मित) लगी होती हैं, जो इस युद्धपोत से हवा में मार करने में सक्षम होती हैं। इस महाबली विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत पर दुनिया के सबसे खतरनाक क्रूज मिसाइलो में शुमार सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हैं, जिनसे चीन और पाकिस्तान दोनों ही देश डरते है।
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स्टेल्थ INS Kolkata डेस्ट्रॉयर:
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| भारतीय नेवी का INS Kolkata स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर। |
INS Kolkata स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर, कोलकाता क्लास का पहला विध्वंसक जहाज है। जो 2014 से भारतीय नौसेना (Indian Navy) में तैनात है, और अपनी लगातार सर्विस दे रहा है। और इसका मोटो है "हमेशा युद्द के लिए तैयार" (Always Ready for War)। इस 7,500 MT डिस्प्लेसमेंट वाले जंगी जहाज की लंबाई 535 फीट है, बीम 57 फीट की है। यह विध्वंसक स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर अधिकतम 56 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह डेस्ट्रॉयर छह तरह के आधुनिक सेंसर्स से लैस, तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और डेकॉय सिस्टम से लैस होता है। यह 32 बराक-8 और 16 ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होता है। इसमें 1 ओटो मेलारा 76mm नेवल गन, 4 AK-630 CIWS और 4 टॉरपीडो ट्यूब्स लगे होते हैं। और यह 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस है। इस पर दो Sea King या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं।
डेस्ट्रॉयर INS Vishakhapatnam:
INS Vishakhapatnam डेस्ट्रॉयर, विशाखापट्टनम क्लास का पहला स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। यह डेस्ट्रॉयर 2021 से भारतीय नौसेना में तैनात है। यह 7,400 MT का डिस्प्लेसमेंट जंगी स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर है। इस जंगी जहाज की लंबाई करीब 535 फीट, बीम 57 फीट है। यह डेस्ट्रॉयर अधिकतम 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है, और इसका रेंज 7,400 किलोमीटर है। यह समंदर में 45 दिन रहने की क्षमता रखता है, और इसमें 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक सवार हो सकते हैं। इसमें 6 कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे होते हैं। इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और 7 प्रकार के गन्स लगे होते हैं। इस पर ध्रुव और Sea King जैसे हेलिकॉप्टर तैनात होते हैं। इस डेस्ट्रॉयर में 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स लगे होते हैं। साथ ही इसमें 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं।
स्टेल्थ INS Mormugao डेस्ट्रॉयर:
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| भारत का INS Mormugao स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर |
यह INS Mormugao, विशाखापट्टनम क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है। यह स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर 24 नवंबर 2022 से भारतीय नौसेना में तैनात है। यह 7,400 MT डिस्प्लेसमेंट का जंगी स्टेल्थ जहाज है। इस 535 फीट लंबे युद्धपोत की अधिकतम गति 56 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस पर 300 नौसैनिक रह सकते हैं। इस डेस्ट्रॉयर में 6 कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। और इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और 7 प्रकार के गन्स लगे होते हैं। इस पर ध्रुव और Sea King किंग हेलिकॉप्टर तैनात होते हैं। इसमें 21"इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स लगे होते हैं। साथ ही 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं।
स्टेल्थ INS Chennai डेस्ट्रॉयर:
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| भारतीय INS Chennai स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर |
INS Chennai, कोलकाता क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है, जो 2016 से नौसेना की ताकत बना हुआ है। इनका मोटो है "शत्रु संहारक" (Enemy Destroyer)। 7,500 MT डिस्प्लेसमेंट वाले इस जंगी जहाज की लंबाई 535 फीट है, बीम 57 फीट की है। यह डेस्ट्रॉयर अधिकतम 56 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह छह तरह के आधुनिक सेंसर्स से लैस है, और यह तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और डेकॉय सिस्टम से लैस होता है। यह डेस्ट्रॉयर 32 बराक-8 और 16 ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होता है, इसमें 1 ओटो मेलारा 76mm नेवल गन, 4 AK-630 CIWS और 4 टॉरपीडो ट्यूब्स होता है। यह डेस्ट्रॉयर 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस होता है। इस पर दो Sea King या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं।
स्टेल्थ फ्रिगेट INS Talwar:
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| भारतीय नेवी का INS Talwar स्टेल्थ फ्रिगेट। |
तलवार क्लास के सभी जंगी जहाज असल में स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हैं। इन जंगी जहाजों का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3850 MT होता है। इनकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। ये जंगी जहाज समंदर में अधिकतम 59 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हैं। अगर इनकी गति को 26 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाएगा तो ये 4850 किलोमीटर की रेंज कवर करते हैं। ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। साथ ही 4 KT-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसके अलावा इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं। 8 इगला-1E, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है। इसमें एक 100mm की A-190E नेवल गन लगी है। इसके अलावा एक 76mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है। 2 AK-630 CIWS और 2 काश्तान CIWS गन लगी हैं। इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533mm की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात की गई है। इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है। INS Talwar फ्रिगेट 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में रह सकता है। उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है।
Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।








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