News Subah Ki: अब भारत का डंका पूरे दुनिया में बज रहा है, इसका सबूत अब चारों तरफ देखने को मिल रहा है, क्योंकि आज से पहले दुनिया को भारत के लिए इतना आकर्षक नही देखा था। जो अमेरिका कभी भारत को हथियार देने से मना करता था वहीं आज भारत के लिए स्पेशली F-21 लड़ाकू विमान बना रहा है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा भारतीय वायुसेना (IAF) के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) टेंडर के लिए विशेष रूप से विकसित प्रस्तावित एक बहु-भूमिका वाला F-21 लड़ाकू विमान था। यह F-16 बाइडन ब्लॉक 70/72 प्लेटफॉर्म पर आधारित था, लेकिन भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसमें महत्वपूर्ण बदलाव उन्नयन किए गए थे।
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अमेरिकी लॉकहीड मार्टिन कंपनी का F-21 लड़ाकू विमान |
Highlights
• F-21 लड़ाकू विमान में बहुत ही उन्नत APG-83 AESA रडार लगा हुआ है।
• F-21 लड़ाकू विमान का रडार एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है।
• F-16 की तुलना में हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों की क्षमता 40% अधिक होगी।
• F-21 लड़ाकू विमान F-16 फाइटर जेट का बहुत ही उन्नत संस्करण है, जिसका DNA F-22 और F-35 से मिलता है।
F-21 लड़ाकू विमान की प्रमुख विशेषताएँ और उन्नयन:
1. उन्नत एवियॉनिक्स (Advanced Avionics):
✅ इस F-21 लड़ाकू विमान में APG-83 AESA रडार लगा हुआ है, जो एक साथ कई लक्ष्यों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन पर हमला करने की क्षमता रखता यह रडार है।
✅ मिशन कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस है, जो अमेरिकी 5th जेनरेशन F-35 लड़ाकू विमानों से प्रेरित तकनीक और उन्नत सिस्टम है।
✅ इस लड़ाकू विमान में भारतीय-निर्मित सब-सिस्टम और भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग का प्रस्ताव था।
2. विस्तारित सीमा एवं पेलोड:
✅ आकृति-अनुकूल ईंधन टैंक (CFTs): विमान के धड़ में समाकृतिक रूप से लगे टैंक, जो अतिरिक्त ईंधन ले जाने की क्षमता बढ़ाते हैं बिना एयरडायनामिक ड्रैग बढ़ाए।
✅ त्रिपक्षीय ईंधन भरने वाला प्रोब (Air-to-Air Refueling Probe): IAF की मौजूदा टैंकर विमानों के साथ संगतता।
3. उन्नत हथियार प्रणाली:
✅ भारतीय और पश्चिमी मिसाइलों का संयोजन ले जाने की क्षमता।
✅ IRST (इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक) सिस्टम रडार बंद करने पर भी लक्ष्य का पता लगाने की क्षमता।
✅ "कॉबरा हेलमेट" पायलट को सिर घुमाए बिना ही दुश्मन विमानों पर नजर रखने और मिसाइलें दागने की सुविधा।
4. निर्माण एवं स्थानीयकरण:
✅ लॉकहीड मार्टिन ने "इंडिया फॉर इंडिया" पहल की घोषणा की थी, जिसके तहत पूर्ण F-21 असेंबली लाइन भारत में स्थापित करने और भारतीय उद्योग को वैश्विक F-16 आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करने का वादा किया गया था।
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अमेरिकी लॉकहीड मार्टिन कंपनी का F-21 लड़ाकू विमान |
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F-21 लड़ाकू विमान vs F-16 फाइटर जेट:
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के F-21 लड़ाकू विमान मूल रूप से F-16 फाइटर जेट का ही एक अत्यधिक उन्नत संस्करण है, जिसमें वर्तमान में उत्पादन में मौजूद F-16 फाइटर जेट की तुलना में कई अपग्रेड हैं। F-21 लड़ाकू विमान में हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों की क्षमता 40% अधिक होगी, इसकी रेंज अधिक होगी, और यह लंबे समय तक उड़ान भर सकता है।
यह F-21 लड़ाकू विमान एकमात्र ऐसा फाइटर होगा जो प्रोब/ड्रग और बूम एरियल रिफ्यूलिंग कर सकता है, और इसे नवीनतम सेंसर और मिशन एवियोनिक्स के साथ कॉन्फ़िगर किया जाएगा। CFTs, AESA रडार, IRST, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए विशिष्ट फीचर्स शामिल थे। इसे F-16 फाइटर जेट का "सबसे उन्नत रूप" माना गया है। यह जेट विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसमें कुछ स्टेल्थ क्षमताएं भी शामिल हैं, और ट्विन-इंजन वाले समकक्षों की तुलना में 30% कम जीवन चक्र लागत प्रदान करता है।
F-21 लड़ाकू विमानों में, F-16 ब्लॉक 70 होगा, जिसमें कुछ F-22 रॉफ्टर और F-35 लाइटनिंग II जैसे DNA होंगे। F-16 ब्लॉक 70/72 का उत्पादन जारी है (केवल निर्यात के लिए), और असेंबली लाइन संभवतः कम से कम दशक के अंत तक चलती रहेगी। लॉकहीड मार्टिन का अनुमान है कि अभी फिलहाल लगभग 300, F-16 फाइटर जेट की जरूरत है।
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अमेरिकी लॉकहीड मार्टिन कंपनी का F-21 लड़ाकू विमान |
F-21 लड़ाकू विमान की वर्तमान स्थिति और भविष्य:
प्रोजेक्ट रद्द: 2021 में, भारत सरकार ने राफेल विमानों की अतिरिक्त खरीद पर ध्यान केंद्रित करने और स्वदेशी तेजस MK-II तथा TEDBF (Twin Engine Deck Based Fighter) कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने का फैसला किया। इसके परिणामस्वरूप, MRFA टेंडर लगभग रद्द होने के कगार पर है।
नतीजा: F-21 लड़ाकू विमान कभी भारत नहीं पहुँचा। लॉकहीड मार्टिन ने F-21 ब्रांडिंग को लगभग छोड़ ही दिया है, और F-16 ब्लॉक 70/72 का उत्पादन अन्य देशों (बहरीन, स्लोवाकिया, ताइवान) के लिए जारी है।
जबकि भारत लाइसेंस के तहत C-130J सुपर हरक्यूलिस बनाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है, यह निर्यात के लिए घरेलू सुखोई SU-30 उत्पादन को फिर से शुरू करने के लिए रूस के साथ भी बातचीत कर रहा है (आंशिक रूप से रूस को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने में मदद करने के लिए)। भारत ने अपने अधिकांश सुखोई SU-30 का निर्माण लाइसेंस के तहत भारत में ही किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है, कि F-21 फाइटर जेट खरीदने के लिए दिल्ली में वास्तव में कोई कदम उठाया गया है या नहीं।
F-21 लड़ाकू विमान को "विशेष रूप से भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया गया है" और भारत इन्हें बनाने में सक्षम होगा (यह भारत के रक्षा क्षेत्र के विस्तार के प्रयासों के लिए बहुत ही आकर्षक बात है)। यदि भारत इस जेट को खरीदता है, तो लॉकहीड मार्टिन और भारत की दिग्गज टाटा कम्पनी मिलकर इसका निर्माण करेंगी (लॉकहीड अपनी वेबसाइट पर बार-बार इस बात पर जोर देती है कि यह जेट भारत में ही बनाया जाएगा)। - लॉकहीड मार्टिन
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अमेरिकी लॉकहीड मार्टिन कंपनी का F-21 लड़ाकू विमान |
F-21 ब्लॉक 70 भारतीय वायुसेना की एकल इंजन लड़ाकू जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श है और यह बेजोड़ अमेरिकी-भारतीय उद्योग साझेदारी भारत में निजी एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षमता विकसित करने की भारत की पहल का प्रत्यक्ष समर्थन करती है। - टाटा ग्रुप
F-21 प्रोजेक्ट सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) और पूरे भारत में आपूर्तिकर्ताओं सहित सभी आकार की भारतीय कंपनियों को लॉकहीड मार्टिन और अमेरिका तथा विश्व भर में अन्य उद्योग जगत के नेताओं के साथ नए व्यापारिक संबंध स्थापित करने के लिए बेजोड़ अवसर प्रदान करता है। - लॉकहीड मार्टिन
Conclusion:
F-21 लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट अमेरिका के तरफ से भारत को एक व्यावसायिक प्रस्ताव था, जिसका उद्देश्य भारत को एक शानदार प्रदर्शन करने वाला, उन्नत टेक्नोलॉजी वाला, भारत-केंद्रित F-16 फाइटर जेट संस्करण की पेशकश करना और इंडियन एयरफोर्स (IAF) के बेड़े में शामिल होना था। हालाँकि, भारत की रणनीतिक प्राथमिकताएँ बदल गईं, जिससे यह प्रोजेक्ट लगभग समाप्त होने के कगार पर है। वर्तमान में, भारतीय वायुसेना राफेल फाइटर जेट, स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान, और भविष्य के AMCA फाइटर जेट (5वीं पीढ़ी के लड़ाकू) कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।