भारत के DRDO करने जा रहा है, अब तक सबसे खतरनाक रॉकेट लॉन्चर की टेस्टिंग, PAK-चीन में मचेगी खलबली...?

 

भारत का मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम 

News Subah Ki: पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम का उन्नत संस्करण पिनाका MK-III भारतीय सेना के लिए एक क्रांतिकारी हथियार साबित होगा, जो 120 कि.मी. की रेंज और पिनपॉइंट सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकता है। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (SIIL) की साझेदारी ने इसे उत्पादन के लिए तैयार कर दिया है। जल्द शुरू होने वाले इसके परीक्षण इसे सेना में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम होंगा। भविष्य में अनुमान लगाया जा सकता है, कि DRDO और द्वारा निर्मित इस पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम को 200 से 300 कि.मी. रेंज वाले वेरिएंट्स में तब्दील कर, इसे और भी घातक बनाएंगे।

  Highlights   

✅ पिनाका MK-III: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 120 कि.मी. रेंज वाला गाइडेड रॉकेट सिस्टम है, जो भारतीय सेना की तोपखाने की ताकत को बहुत ज्यादा एडवांस एवं मजबूती प्रदान करेगा।

✅ उन्नत तकनीक: यह गाइडेड रॉकेट सिस्टम 300mm कैलिबर का होता है, जो 250 किलोग्राम का वारहेड और सटीक पिनपॉइंट निशाना लगाने वाली मल्टी बैरल गाइडेंस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है।

✅ परीक्षण: यह पिनाका MK-III मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम का जल्द शुरू होने वाले विकास और उपयोगकर्ता परीक्षण, जो इसे सेना में जल्द शामिल करने में मदद करेंगे।

✅ आत्मनिर्भर भारत: सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (SIIL) और भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की साझेदारी से स्वदेशी तकनीक को बहुत ही ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।

✅ रणनीतिक महत्व: मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम की पिनाका MK-III चीन और पाकिस्तान के लंबी दूरी के रॉकेट सिस्टम का जवाब देने के लिए तैयार है।

भारत का मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम

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पिनाका MK-III मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर:

भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने अपने तोपखाने की ताकत को और मजबूत करने के लिए पिनाका MK-III नामक एक उन्नत गाइडेड रॉकेट सिस्टम तैयार किया है। यह रॉकेट 120 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगा सकता है। जल्द ही इसके परीक्षण शुरू होने वाले हैं। यह सिस्टम भारतीय सेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा, जो चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के लंबी दूरी के हथियारों का जवाब देगा। 

पिनाका MK-III एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम है, जिसे DRDO की पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) ने अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर बनाया है। यह पिनाका परिवार का सबसे उन्नत संस्करण है, जो पुराने वेरिएंट्स पिनाका MK-I जिसका रेंज लगभग 45-65 कि.मी. है। और उससे उन्नत पिनाका MK-II जिसका रेंज लगभग 70-90 कि.मी. का है। तथा पिनाका परिवार का अब तक का सबसे उन्नत तकनीक और गाइडेड पिनाका MK-III  जिसका रेंज लगभग 100-120 कि.मी. तक का है, जो अपने समकक्ष से कहीं ज्यादा बेहतर और उन्नत है। इसकी खासियतें इस प्रकार से हैं...

भारत का मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम

पिनाका MK-III मल्टी बैरल रॉकेट की खासियत: 

रेंज और शक्ति: 120 कि.मी. की रेंज और 250 किलो का वारहेड, जो दुश्मन के कमांड सेंटर, बंकर और लॉजिस्टिक्स ठिकानों को नष्ट कर सकता है।

कैलिबर: 300mm का बड़ा व्यास, जो पुराने 214mm से अधिक है। यह ज्यादा ईंधन और उन्नत गाइडेंस सिस्टम को सपोर्ट करता है।

सटीकता: DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) द्वारा विकसित गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल (GNC) किट, जिसमें लेजर-गायरो नेविगेशन और माइक्रोस्ट्रिप एंटीना शामिल हैं। यह 10 मीटर से कम की सटीकता (CEP) देता है, जो पुराने पिनाका MK-I (500 मीटर) से कहीं बेहतर है।

लॉन्चर : मौजूदा पिनाका लॉन्चरों के साथ काम करता है, जिससे नई लागत कम होती है। प्रत्येक लॉन्चर में 8 गाइडेड रॉकेट होते हैं, जो 44 सेकंड में 700×500 मीटर क्षेत्र को नष्ट कर सकते हैं।

पिनाका MK-III रॉकेट की परीक्षण और उत्पादन:

पिनाका MK-III के प्री-प्रोडक्शन यूनिट्स को सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (SIIL) की सहायक कंपनी इकनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) ने बनाया है। जल्द ही इसके विकास और उपयोगकर्ता परीक्षण शुरू होंगे, जिनमें शामिल होंगे...

12 रॉकेट्स का टेस्ट: इकनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) और म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) द्वारा बनाए गए रॉकेट्स को दो उन्नत पिनाका लॉन्चरों से दागा जाएगा।

पैरामीटर्स: इन रॉकेटों की लांचिंग के दौरान इनके रेंज, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड में फायरिंग रेट की जांच किया जाएगा।

कमांड-एंड-कंट्रोल: मौजूदा मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के साथ एकीकरण और युद्ध जैसी परिस्थितियों में प्रदर्शन।

ये संयुक्त परीक्षण पिछले गाइडेड पिनाका के सफल परीक्षणों (नवंबर 2024) पर आधारित हैं, जिसमें 75 कि.मी. से अधिक रेंज और 10 मीटर की सटीकता साबित हुई थी। यह दृष्टिकोण सिस्टम को जल्द से जल्द सेना में शामिल करने में मदद करेगा।

स्वदेशीकरण और सोलर इंडस्ट्रीज की भूमिका:

पिनाका MK-III का निर्माण भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (SIIL) के बीच साझेदारी का नतीजा है। सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (SIIL) ने ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) समझौते के तहत रॉकेट्स का उत्पादन किया है। इसने पहले भी पिनाका MK-I और गाइडेड पिनाका के लिए सफलतापूर्वक रॉकेट्स बनाए हैं, जैसे 2020 और 2021 में हुए टेस्ट। यह साझेदारी आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करती है, क्योंकि यह स्वदेशी तकनीक पर निर्भर है।

Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।

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