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इजरायल ने बना ल‍िया अब वो हथ‍ियार, जिससे ड्रोन और मोर्टार तो हवा में ही हो जाएंगे फुस्‍स और चुटक‍ियों में होगा दुश्मन का काम तमाम!

Laser Defense System by Israel: इज़राइल से स्काई स्ट्राइकर कामिकेज़ ड्रोन की ताकत तो सब देख चुके हैं। अब इजरायली की एक कंपनी ने ऐसा अचूक हथ‍ियार लेकर आई है, जिससे ड्रोन और मोर्टार जैसे छोटे हथियार तो हवा में ही फुस्‍स हो जाएंगे, वो भी बहुत कम कीमत में। तो आइए आपको बताते हैं उस हथियार के बारे में पूरे विस्तार से।

इजरायल की नई लेजर तकनीक ‘लाइट बीम हार्ड किल न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम’ प्रणाली।
इजराइल का लेजर वेपन जो भारत आने वाला है 

News Subah Ki: एक वक्त था, जब आर्मी को लड़ाई के लिए ग्राउंड ऑपरेशन करने पड़ते थे लेकिन अब ये काम हवाई हमलों और टेक्नोलॉजी से हो रहा है। आज के दौर में जिस देश के पास जितनी एडवांस तकनीक है, वो उतना आगे रहता है। भारत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में इज़राइली ड्रोन से क्या तबाही मचाई थी, वो बताने की ज़रूरत नहीं। अब इज़राइल भारतीय सेना को एक और ज़बरदस्त तोहफा दे सकता है।

दरअसल इजरायल की कंपनी ऐसा अचूक हथ‍ियार लेकर आई है, जिससे ड्रोन और मोर्टार तो हवा में ही फुस्‍स हो जाएंगे। इजरायल की नई लेजर तकनीक आधारित हथियार प्रणाली ‘लाइट बीम हार्ड किल न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम’ भारत के लिए एक बड़ा फायदा साबित हो सकती है। इजरायल के पास आयरन बीम लेजर सिस्‍टम पहले से ही है, जिससे वह दुश्मनों के छक्के छुड़ाता है. अब राफेल ने जो लेजर बीम बनाई है, वह छोटी दूरी के सटीक मारक क्षमता वाली है।

  हाइलाइट्स  

✅ इजरायल ने नई लेजर तकनीक आधारित हथियार प्रणाली बनाई।

✅ इसे किसी भी सामान्य वाहन, जैसे 4×4 जीप पर भी फिट किया जा सकता है। 

✅ यह प्रणाली ड्रोन, मोर्टार और छोटी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देती है।

✅ भारत इस लेज़र बीम टेक्नोलॉजी के लिए इज़राइल से बात कर सकता है।

✅ भारत के लिए यह प्रणाली कम खर्चीली और प्रभावी साबित हो सकती है।

पहले ड्रोन से, अब बीम से मरेगा पाकिस्तान:

दरअसल इज़राइल और भारत की सेनाओं के बीच तकनीकी साझेदारी और आधुनिक हथियार प्रणालियों का आदान-प्रदान क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसे में इजरायल की नई लेजर तकनीक आधारित हथियार प्रणाली गेम चेंजर साबित हो सकती है। चूंकि पहले भी इज़राइल से स्काईस्ट्राइकर कामिकेज़ ड्रोन की तकनीक ली है, ऐसे में भारत इस लेज़र बीम टेक्नोलॉजी के लिए इज़राइल से बात कर सकता है।

युद्ध में गेम चेंजर होगी ये लेजर वेपन तकनीक:

इजरायल की नई लेजर तकनीक ‘लाइट बीम हार्ड किल न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम’ प्रणाली।
इजराइल का लेजर वेपन 


इजरायल की ये लेज़र तकनीक ड्रोन, मोर्टार, और छोटी मिसाइलों को हवा में ही प्रभावहीन कर देती है। यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ये लेजर बीम प्रणाली छोटी दूरी से उच्च मारक क्षमता के साथ दुश्मन के हथियारों को जाम कर देती है. इसे किसी भी सामान्य वाहन, जैसे 4×4 जीप पर भी फिट किया जा सकता है। यही वजह है कि इसकी तैनाती बेहद आसान होगी। इतना ही नहीं ये हथियार जैमर की तरह भी काम करता है, और दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय कर देता है। इसमें असीमित लेजर बीम होती है, जो रॉकेट की तरह लगातार और तुरंत इस्तेमाल के लिए तैयार होती है।

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भारत के लिए क्यों फायदेमंद है, ये लेजर वेपन:

पारंपरिक मिसाइल सिस्टम की तुलना में यह लेजर हथियार काफी कम खर्चीला है, जिससे भारत की रक्षा लागत कम हो सकती है। ड्रोन और छोटे हथियारों को तत्काल नष्ट करने की क्षमता भारत की सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। इस सिस्टम को भारतीय सेना के परिचालन वाहनों पर आसानी से स्थापित किया जा सकता है, जिससे मोबाइल वॉर की क्षमता बढ़ेगी। वहीं आधुनिक तकनीकों के लिहाज से इजरायली टेक्नोलॉजी भारत के लिए बेहतरीन साबित होगी।

भारत के पास और भी है, कई तरह के लेजर वेपन:

भारतीय वैज्ञानिकों ने आजकल लेजर वेपन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया हुआ है। इसी का परिणाम है, "दुर्गा" लेजर वेपन यह भारत का एक उन्नत डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। और इसे मुख्य रूप से एंटी-ड्रोन, एंटी-मिसाइल तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्धक भूमिकाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। DRDO ने इसे 2 वर्जन में तैयार किया है, दुर्गा-1 और दुर्गा-2 एक डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) हथियार है। इसमें दुर्गा-2 बहुत ही उन्नत और दुर्गा-1 का आधुनिक वर्जन है, जो भारत की लेजर आधारित रक्षा प्रणालियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रौद्योगिकी भविष्य के युद्ध में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। खासकर ड्रोन, मिसाइल, फाइटर जेट और इलेक्ट्रॉनिक हमलों के खिलाफ एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है। इसको इस्तेमाल करने में देश को बहुत ही ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि इसका कोस्टिंग बहुत कम पड़ता है, अन्य हथियारों के अपेक्षा।

अब नहीं पड़ेगी ब्रह्मोस मिसाइल की ज़रूरत:

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइल का करिश्मा दिखा दिया है। सोचिए ब्रह्मोस ने जो कहर पाकिस्तान में बरपाया, उसकी ताकत दुनिया ने देखी। रूस में इसे P-800 ओनिक्स के नाम से जाना जाता है, और ये भारत और रूस का ज्वाइंट वेंचर था। इसी तरह अब ये लेज़र बीम तकनीक भारत ने इज़राइल के साथ मिलकर बनानी शुरू कर दी, तो लागत तो कम होगी ही, आसमान में ही दुश्मन के पर कतर दिए जाएंगे।

Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।


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