Opretion Sindoor: पाकिस्तान की तरफ से भारत पर किए जा रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम करने वाले स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्माता भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव के भावुक प्रतिक्रिया, कहा कि ये क्षण मेरे जीवन का सबसे अनमोल एवं खुश करने वाला है।
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भारत का स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम |
News Subah Ki: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की तरफ से भारत पर किए जा रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम करने वाले स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम को बनाने वाले भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, कि ये क्षण उनके जीवन का सबसे अनमोल एवं खुश करने वाला है।
भारत में स्वदेशी रूप से विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली ने पाकिस्तान के मिसाइलों और ड्रोन को बेअसर करने और भारत के शहरों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आकाश मिसाइल प्रणाली एक सतह से हवा में मार करने वाली प्रणाली जिसे एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसको DRDO के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव ने लगभग 15 वर्षों में विकसित किया था।
Highlights
✅ आकाश मिसाइल के निर्माता वैज्ञानिक ने कहा उम्मीद से बढ़कर परफॉर्मेंस!
✅ शुरुआती दौर में भारतीय सेना ने 'आकाश' में नहीं दिखाई थी रुचि।
✅ पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को 'आकाश' ने चुन-चुन कर किया ढेर।
✅ हवाई खतरों से बचाने वाला भारत का स्वदेशी हथियार है, आकाश।
✅ यह 45 KM दूर और (18,000 मीटर) 18 KM ऊंचाई तक सटीक निशाना।
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भारत का स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम |
वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव ने भावुक होते हुए कहा कि 'यह मेरे जीवन का सबसे अनमोल और खुशी का दिन है... अपने द्वारा बनाए गए मिसाइल को दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को इतनी सटीकता और खूबसूरती से मारते हुए देखना। उन्होंने आगे कहा कि जब उन्होंने देखा कि 'यह उम्मीद से बढ़कर काम कर रहा है, और आने वाले लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निशाना बना रहा है, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए और गर्व से छाती चौड़ा हो गया।
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भारतीय सेना ने 'आकाश' में नहीं दिखाई थी रुचि:
भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के 78 वर्षीय पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव, उस वक्त आकाश कार्यक्रम के सबसे कम उम्र के परियोजना निदेशक थे, जब उन्हें भारत के 'मिसाइल मैन' और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने चुना था। उन्होंने उस पल को याद करते हुए कहा कि उस समय भारतीय सेना ने इस प्रणाली को हासिल करने में हिचकिचाहट दिखाई थी, जिसे उन्होंने और उनके सहयोगियों ने ड्रोन, मिसाइलों, हेलीकॉप्टरों और यहां तक कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में बने सुपरसोनिक F-16 लड़ाकू विमानों जैसे अत्यधिक गतिशील विमानों को रोकने के लिए डिजाइन किया था, जिन्हें आज पाकिस्तानी पायलट उड़ा रहे हैं।
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पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को 'आकाश' ने किया ढेर:
बता दें कि, देश में ही तैयार 'आकाश' सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली (Air Defense system) ने गुरुवार को भारतीय शहरों को निशाना बनाकर किए गए पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नकाम करने में अहम भूमिका निभाई है। 8 मई और 9 मई की दरम्यानी रात भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए कई ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया और उनका मुहतोड़ जवाब दिया।
हवाई खतरों से बचाने वाला स्वदेशी हथियार, आकाश:
'आकाश' को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया। DRDO की ओर से विकसित 'आकाश' एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इसे DRDO के दिशानिर्देश में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) के द्वारा विकसित किया गया है। आकाश मिसाइल सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसे LOC या अन्य सीमा पर ट्रक या टैंक जैसे वाहनों के जरिए लेकर जाया जा सकता है। इसका एडवांस वर्जन आकाश-NG 70 से 80 कि.मी. तक मार कर सकता है। इसकी रफ्तार लगभग 2,500 कि.मी. प्रति घंटा है। यह 150 कि.मी. दूर तक 64 लक्ष्यों को देख सकता है। यह एक साथ 12 मिसाइलों को दाग सकता है। आकाश मिसाइल में स्मार्ट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है, जिससे आखिरी पल में भी लक्ष्य को लॉक करने में मदद मिलती है।
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यह 45 KM दूर और 18 KM ऊंचाई तक सटीक निशाना:
'आकाश' बैटरी मिसाइल प्रणाली 18,000 मीटर (18 कि.मी.) की ऊंचाई पर 45 किलोमीटर दूर तक के विमानों को निशाना बना सकती है। इसमें लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को मार गिराने एवम् बेअसर करने की क्षमता हासिल है।
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आकाश मिसाइल की संक्षिप्त विवरण:
वॉर हेड: 60 किलोग्राम प्री-फ्रैगमेंटेड हाई एक्सप्लोसिव वॉर हेड
प्रणोदन: सॉलिड बूस्टर और इंटीग्रल रॉकेट या रैमजेट सस्टेनर मोटर
ऑपरेशनल रेंज: 45 कि.मी.
अधिकतम गति: मैक 2.5 (3200 कि.मी. प्रति घंटा)
गाइडेंस सिस्टम मिड कोर्स: डेटालिंक के साथ कमांड मार्गदर्शन
टर्मिनल: सक्रिय रडार होमिंग
लॉन्च प्लेटफॉर्म: T-72 या BMP-2 चेसिस या हैवी मोबिलिटी ट्रक
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Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।