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Universe का ऐसा अदभुत धार्मिक मेला "महाकुंभ-2025" जो मात्र 45 दिन के लिए, इनवेस्टमेंट ₹7,500 करोड़, टर्नओवर ₹2.50 लाख करोड़?
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महाकुंभ 2025, अमृत स्नान |
News Subah Ki: दुनिया क्या ब्रह्मांड में कही भी इस तरह का दूसरा कोई धार्मिक आयोजन नहीं हुआ है, और नहीं होगा, ये अपने आप में ही अदभुत अजूबा और भारतवासियों के लिए गौरवान्वित करने वाला पल है। ये इतना बृहतम होता है, कि महाकुंभ मेले को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यहां लगभग 60 से 70 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन होगा जिसके लिए आपको सारी व्यवस्था जैसे रहने ठहरने, खाने से महाकुंभ मेला का आयोजन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के किनारे हुआ है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, बिजली, पानी, से लेकर साफ-सफाई तक की व्यवस्था की जाती है। मेडिकल सर्विसेज, हेल्पडेस्क, कैंप में लाखों लोगों के रहने की व्यवस्था, स्टाल वगैरह के लिए अलग-अलग संस्थानों को जगह का अलॉटमेंट किया जाता है।
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महाकुंभ में इन्फ्रास्ट्रक्चर और तैयारी सेटअप:
सबसे पहले महाकुंभ मेले के लिए जमीन तैयार की जाती है। जो त्रिवेणी संगम के किनारे एलॉट की हुई जमीन पर होता है। अगस्त 2023 में पांटून पुल (पीपा पुल) बनाने की जिम्मेदारी दिया गया था। सवा साल में 2 हजार 213 पांटून (पीपे) बनाने थे। इतनी बड़ी संख्या में कभी भी पांटून नहीं बनाए गए थे। करीब 1 हजार कर्मचारी, इंजीनियर और अधिकारी जुटे रहे। 14-14 घंटे काम चला कर अक्टूबर 2024 में सारे पांटून पुल बनाकर मेला प्रशासन को सौंप चुके हैं। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर आलोक कुमार ने हमें यह बताया। उन्होंने कहा- महाकुंभ मेले में इस बार सबसे ज्यादा 30 (पीपा पुल) पांटून पुल बनाए गए हैं। ये पुल गंगा के एक छोर को दूसरे से जोड़ते हैं। यानी यह एक तरह से पूरे मेला क्षेत्र को आपस में कनेक्ट करते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सरल बनाते हैं।
PWD विभाग की ओर से 4000 हेक्टेयर में बसने वाला दुनिया के सबसे बड़े मेले में 651 किलोमीटर लंबी लोहे की सड़क बनाई जाती है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में कुल 651 किलोमीटर लंबी लोहे की सड़क बनवाई जा रही है, जो कुंभ मेला क्षेत्र का आने-जाने का प्रमुख आधार है। इसे यहां की भाषा में चेक्कर प्लेट कहते हैं।
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महाकुंभ से 7 लाख से ज्यादा लोगो को मिलेगा रोजगार:
प्रयागराज में 4000 हेक्टेयर के इलाके में कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। इस पूरे इलाके को 25 सेक्टर्स में बांटा गया है। हर सेक्टर में 400 से ज्यादा यानी करीब 8000 ऑर्गनाइजेशंस काम कर रहे हैं। इन ऑर्गनाइजेशंस में काम करने वाले कारीगरों और मजदूरों को मेले में अस्थायी शिविरों से लेकर बाकी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम पूरे करने हैं। इस बार महाकुंभ में 1.6 लाख टेंट हाउस बनाए जा रहे है। कुंभ नगरी में अब तक 25,000 मजदूर काम कर रहे थे।
भारतीय रेल ने जहां कुंभ मेले के लिए 3000 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, वहीं कई एयरलाइंस भी स्पेशल उड़ानों का मौका दे रही हैं। इस मेले दौरान 6 लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यह भी दावा किया जा रहा है कि होटल, ट्रांसपोर्टेशन, FMCG, इवेंट मैनेजमेंट जैसी तमाम सेक्टर्स की कंपनियों ने इस महाकुंभ में ₹3,000 करोड़ खर्च किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 के प्रयाग कुंभ से 45 हजार परिवारों को सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। दुकानदारों या मेले के दौरान किसी तरह की सर्विस देने वालों के लिए इस समय प्रयागराज में कई ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसमें वेंडर्स, नाव चलाने वाले लोगों और टूरिस्ट गाइड जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स को उनके काम से जुड़ी स्किल्स और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वह मेले में आ रहे तीर्थयात्रियों की जरूरतें अच्छी तरह पूरी कर सकें।
महाकुंभ 2025 में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण:
इस महाकुंभ में 1.5 लाख शौचालय का व्यवस्था किया गया है, सभी टॉयलेट्स की निगरानी का जिम्मा 1500 गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है, जो सुबह-शाम एक-एक टॉयलेट को चेक करेंगे। जिन टॉयलेट्स में सफाई नियमों के अनुरूप नहीं होगी, उनकी डिटेल संबंधित वेंडर्स को ऑनलाइन चली जाएगी और फिर चंद मिनटों में वेंडर्स द्वारा टॉयलेट की सफाई संपन्न कराई जाएगी। जो पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छता के उच्च मानकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इसके बावजूद 25,000 कूड़ेदान और 160 अपशिष्ट वाहन जो कूड़ा उठाने के लिए काम करता है। पूरे महाकुंभ के आयोजन में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया गया है। गंगा-यमुना के लिए आधुनिक तकनीक के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और बायो-रिमिडिएशन तकनीक से नदियों की स्वच्छता को सुनिश्चित की गई है।
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अडानी ग्रुप से रोज एक लाख लोगों को फ्री भोजन, और फ्री 1करोड़ धार्मिक पुस्तक वितरण!
अडानी ग्रुप के मालिक श्री गौतम अडानी ने कहा, कि यह मेरा सौभाग्य है, कि महाकुम्भ में हम इस्कॉन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए ‘महाप्रसाद सेवा’ आरंभ कर रहे हैं, जिसमें मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से लाखों लोगों को निश्शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अडानी ने इस्कॉन के गुरु प्रसाद स्वामी से मुलाकात की और एक फोटो भी पोस्ट की है। लिखा कि स्वामी जी से मिल कर सेवा के प्रति समर्पण की शक्ति को गहराई से अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ। सच्चे अर्थों में सेवा ही राष्ट्रभक्ति का सर्वोच्च स्वरूप है। सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है।
गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के साथ भी साझेदारी कर अडानी ग्रुप लगभग एक करोड़ आरती संग्रह पुस्तकों की छपाई करा रहा है। इसमें शिव, लक्ष्मी, गणेश, विष्णु, दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित भक्ति गीत हैं। महाकुंभ में यह पुस्तकें भी निशुल्क वितरित की जाएंगी। आपको बता दें कि 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ मेले की शुरूआत हो रही है। जो 45 दिनों तक चलेगी।
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महाकुंभ 2025 का विश्व रिकॉर्ड!
अभी तक एक जगह पर सबसे ज्यादा भीड़ का रिकार्ड जापान के राजधानी टोक्यो शहर का था। जिसको तोड़कर नया रिकॉर्ड 14 जनवरी 2025 को प्रयागराज के महाकुंभ मेला ने बनाया है।
इस महाकुंभ 2025 मेला नोडल अधिकारी विजय आनंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस आयोजन से करों, किराये और अन्य शुल्कों के माध्यम से ₹25,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग कमाई होने का संभावना जताई जा रही है। हालांकि, मेला स्थल पर कुल वित्तीय लेन-देन काफी अधिक होने का अनुमान है, जो ₹2 लाख करोड़ रुपये से ₹3 लाख करोड़ रुपये के बीच है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से। यह भी अपने आप में एक रिकार्ड है।
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Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित होगा। इसमे लिखी गई जानकारी 100% सही नहीं हो सकता है। इसलिए इस पर कोई ठोस दावा या क्लेम करना अमान्य होगा।
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