इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 विशेष ही नहीं, अलौकिक और अविस्मरणीय होगा! आइए जानते है, कुछ रोचक और विशेष तथ्य?

प्रयागराज महाकुंभ 2025
प्रयागराज महाकुंभ 2025


News Subah Ki: यह प्रयागराज महाकुंभ 2025 मेला अति दुर्लभ इस लिए है, कि यह तिथि और संयोग के हिसाब से बहुत ही अदभुत, अलौकिक और अविस्मरणीय होगा। इस साल का महाकुंभ बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि ज्योतिषियों के मुताबिक 144 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है। वो बताया जा रहा है, कि ऐसा दुर्लभ खगोलीय संयोग समुद्र मंथन के दौरान बना था। ऐसा दुर्लभ संयोग 144 सालों के बाद आया है। और अगला दुर्लभ संयोग करीब 144 साल बाद ही आएगा। जैसे कि हम जानते है कि अर्धकुंभ हर 6 साल में आता है, और हर 12 साल में जो आता है, उसे हम कुंभ या पूर्ण कुंभ कहते है। और जब कुंभ या पूर्ण कुंभ 12 बार होता है, उसे ही महाकुंभ कहते है। इस साल यानी सन् 2025 के महाकुंभ के बाद यह मौका इस जीवन में क्या लगभग 144 सालों के दौरान दुबारा नहीं मिलेगा, क्योंकि इस प्रयागराज महाकुंभ के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग करीब सन् 2169 के महाकुंभ में ही आएगा। 

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महाकुंभ में करीब 60 से 70 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन: 

इस महाकुंभ में सम्पूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से करोड़ों श्रदालुओं का आगमन हो रहा है, इसके लिए वहां के राज्य सरकार यानी उत्तरप्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने बहुत ही उत्तम और शानदार व्यवस्था किया हुआ है। प्रयागराज महाकुंभ कि अलौकिक छटा विस्मित कर देगा जो देखने लायक है। यहां विदेशों से करीब  लाखों सनातनी श्रद्धालु आ रहे है। और उम्मीद जताई जा रही है, कि 70 से 80 देशों के लगभग लाखों श्रद्धालु और सनातनी पर्यटक आ चुके हैं या आ रहे हैं और या तो आने वाले है। और इसके अलावा विभिन्न धर्मों और मजहबों के हजारों विदेशी पर्यटकों का आगमन हो रहा है।

प्रयागराज महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था: 

DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि 113 होमगार्ड व BRD जवान, 11 कंपनी CRPF और 15 कंपनी PAC को तैनात किया गया है। साथ ही जल मार्ग की निगरानी के लिए एक कंपनी दो प्लाटून PAC भी लगाई गई है। इसके अलावा 10 वज्रवाहन, 15 ड्रोन, 5 बम निरोधक दस्ता के जरिये 24 घंटे प्रयागराज में प्रवेश करने पर निगरानी रखी जा रही है। DGP ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए UP पुलिस कृत संकल्पित है।

महाकुंभ मेले में भीड़ के प्रभावी ढंग से प्रबंधन और निगरानी के लिए AI संचालित कैमरे, ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम भी लगाए गए हैं। महाकुंभ में संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए स्पॉटरों के अलावा सिविल पुलिस के 15 हजार जवानों को तैनात किया गया है। मेला क्षेत्र के एंट्री पॉइंट्स की निगरानी और नियंत्रण के लिए 7 प्रमुख मार्गों पर 102 चौकियां स्थापित की गई हैं। संगम और उसके आसपास के जलमार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और निगरानी के लिए 113 ड्रोन तैनात किए गए हैं।

महाकुंभ के घाटों पर 300 से अधिक गोताखोरों को तैनात किया गया है। कई वाटर एम्बुलेंस भी तैनात की गई हैं। महाकुंभ में NSG कमांडो और UP पुलिस के जवानों की तैनाती के साथ ही  इस महाकुंभ मेला को 7 स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के घेरा में रखा गया है।

प्रयागराज महाकुंभ का क्षेत्रफ़ल और व्यवस्थाएं:

इस बार महाकुंभ मेला लगभग 4,000 हेक्टेयर यानि 16,000 बीघा भूमि पर लगा हुआ है। इस पूरे महाकुंभ क्षेत्र को समुचित व्यवस्था के लिए 25 सेक्टरों में बांटा गया है। जिससे यहां की कुल व्यवस्था चाक चौबंद और प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार बनी रहे। इस महाकुंभ में नहाने के लिए संगम के तट पर कुल 41 घाट तैयार किए गए हैं। इनमें से 10 पक्के घाट हैं, जबकि बाकी के 31 घाट अस्थायी हैं। राज्य प्रशासन की ओर से महाकुंभ मेला क्षेत्र को 76वां जिला भी घोषित किया गया है।

इस आयोजन को खास बनाने के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर गुलाब के फूलों की पुष्प वर्षा होगी। उद्यान विभाग की ओर से गुलाब की पंखुड़ियां को हेलिकॉप्टर के माध्यम से संगम क्षेत्र में यानी पूरे 4000 हेक्टेयर के मेला क्षेत्र के श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। कुंभ मेला के उद्यान प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर गुलाब की पंखुड़ियां की वर्षा की पूरी तैयारी कर ली गई है। प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से वर्षा की जानी है। 

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महाकुंभ के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हेलिकॉप्टर राइड की व्यवस्था की गई है। इसका किराया ₹3,000 रुपये से घटाकर मात्र ₹1,296 रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। यह 7-8 मिनट की हेलिकॉप्टर राइड आज से शुरू होगी, जिसमें पर्यटक प्रयागराज शहर के ऊपर से महाकुंभ मेले की भव्यता का हवाई नजारा ले सकेंगे।

महाकुंभ में रहने और ठहरने की सुविधा:

महाकुंभ में आने वाले लोगों के लिए ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है। मेले में 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। इनमें फ्री और पेड दोनों तरह की व्यवस्था है। जैसे आप लग्जरी व्यवस्था चाहते हैं, तो संगम के ही किनारे बस सकते हैं। वहां ठहरने के लिए लग्जरी डोम सिटी बसाई गई है। जिसका किराया प्रतिदिन का 80 हजार रुपए से लेकर सवा लाख रुपए तक का है।

इसके आसपास 2000 कैंप की टेंट सिटी भी बनाई गई है। यहां रहने और ठहरने पर आपको ₹3 हजार से लेकर ₹30 हजार रुपए तक देना होगा। इसके लिए बुकिंग भी पहले करानी होगी।

पूरे शहर में 42 लग्जरी होटल हैं। सभी की अपनी वेबसाइट है, जिसके जरिए आप उनके बारे में जान सकते हैं, और बुक कर सकते हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 100 आश्रय स्थल हैं, हर आश्रय स्थल में 250 बेड हैं। 10 हजार से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की है।

Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में दी गई जानकारी 100 प्रतिशत सही नहीं हो सकती है। 

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