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KUSHA लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम |
News Subah Ki: भारत एक ऐसा प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जो भारत को दुनिया भर में एंटी एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कराने वाली है। इस प्रोजेक्ट KUSHA को भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक ने भारत डायनेमिक लिमिटेड (BDL) के साथ मिल कर विस्तारित रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (ERADS) विकसित करने के लिए एक कार्यक्रम है। इसका लक्ष्य एक परिवहन योग्य, लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को डिजाइन करना है। मिसाइल प्रणाली में कम से कम तीन प्रकार के इंटरसेप्टर शामिल होंगे और उम्मीद है, कि इसे भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा तैनात किया जाएगा। भारत ने 2028-29 तक अपनी लंबी दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय रूप से तैनात करने की योजना बनाई गई है। यह एयर डिफेंस सिस्टम 350 किलोमीटर तक की दूरी पर आने वाले कोई भी फाइटर जेट, स्टील्थ फाइटर जेट, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को पता लगा कर पलक झपकते मार गिराने की काबिलियत रखता है।
Highlights
🚀 DRDO के नेतृत्व में प्रोजेक्ट KUSHA भारत की एक महत्वाकांक्षी रक्षा पहल है।
🚀 KUSHA भारतीय लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है।
🚀 KUSHA के तैनाती के बाद भारत उन महत्वपूर्ण देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।
🚀 इस एयर डिफेंस सिस्टम के मिसाइल की स्पीड लगभग 4.5 से 7.5 मैक।
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KUSHA लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम |
क्या है, KUSHA प्रोजेक्ट सिस्टम:
भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के नेतृत्व में प्रोजेक्ट KUSHA भारत की एक महत्वाकांक्षी रक्षा पहल है, जिसका उद्देश्य भारत को अपना स्वदेशी लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली विकसित करना यानि लांग रेंज की सरफेस टू एयर मिसाइल (LR-SAM) बनाना है। यह लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियां हैं। जो लंबी दूरी पर स्थित क्रूज मिसाइलों, स्टील्थ लड़ाकू विमानों और ड्रोनों सहित दुश्मन के प्रक्षेपास्त्रों और कवच का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होंगी। इसमें तीन प्रकार की इंटरसेप्टर मिसाइलें होंगी।
भारत के पास अभी अपना मेक इन इंडिया के तहत निर्मित स्वदेशी वेरी-शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS और भार्गवस्त्र भी है। जो बहुत अधिक कारगर साबित हो रहा है। KUSHA के तैनात होने के बाद भारत उन महत्वपूर्ण देशों की खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिनके पास अपना लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है।
प्रोजेक्ट KUSHA, भारत का एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है। इसे विस्तारित रेंज एयर डिफ़ेंस सिस्टम (ERADS) भी कहा जाता है। यह प्रणाली, दुश्मन के हमलों को रोकने और हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षम होगी।
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KUSHA लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम |
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KUSHA भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम:
प्रोजेक्ट KUSHA भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम होगा, इसके तहत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने लांग रेंज की सरफेस टू एयर मिसाइल (LR-SAM) तैयार कर रहा है। इस मिसाइल प्रणाली में कम से कम तीन प्रकार के इंटरसेप्टर शामिल होंगे। DRDO का प्रोजेक्ट KUSHA, 350 किलोमीटर दूर से दुश्मन की हरकत का पता लगा लेगा, यह इजराइल के आयरन डोम से बहुत बेहतर होगा, जिसकी रेंज महज 70 किलोमीटर है। और इसके अलावा यह अमेरिका पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम से भी बेहतर होगा जो 110 किलोमीटर दूर से दुश्मन के हमलों को ट्रैक करता है। प्रोजेक्ट को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के नेतृत्व में विकसित किया जा रहा है।
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KUSHA लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम |
KUSHA एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज:
इस KUSHA एयर डिफेंस सिस्टम में तीन स्तरीय सुरक्षा प्रणाली होगी, जिनके रेंज भी अलग अलग प्रकार के होने वाले हैं, संभावना जताई जा रही है, कि इनकी मारक क्षमता सबसे कम रेंज 150 किलोमीटर, मध्यम रेंज 250 किलोमीटर और अधिकतम रेंज 350 किलोमीटर होगी तथा इसके साथ बहुत ही उन्नत किस्म की लंबी दूरी की निगरानी और अग्नि नियंत्रण सेंसेटिव रडार होंगे। जिससे यह दुश्मन के हमलों के साथ-साथ, दुश्मन के लड़ाकू विमान, स्टेल्थ फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों समेत हर हमलों को भी ट्रैक करके पलक झपकते ही ध्वस्त कर सकेगा।
KUSHA एयर डिफेंस सिस्टम के मिसाइल की स्पीड गति:
KUSHA एयर डिफेंस सिस्टम में तीन प्रकार के अलग अलग वेरिएंट्स के मिसाइल लगे होंगे, जिनके बारे में कहा जा रहा है, कि इनकी स्पीड भी अलग अलग यानि सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक होने वाली हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुआ है, कि इसका स्पीड लगभग 4.5 मैक (5510 किलोमीटर प्रति घंटा) से 7.5 मैक (9150 किलोमीटर प्रति घंटा) के बीच होने वाली है। जो इस एयर डिफेंस सिस्टम को बहुत ही शानदार और खास बनाता है। भारत का इस एयर डिफेंस सिस्टम को 2028-2029 तक देश की सीमाओं पर तैनात करने की योजना है।
डिस्क्लेमर: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।
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