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प्रयागराज महाकुंभ 2025 |
देश-दुनिया से लोग प्रयागराज महाकुंभ में आने के लिए उत्सुक हैं। 144 वर्ष के बाद महाकुंभ का यह मुहूर्त आ रहा है, और इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं भाजपा सरकार द्वारा यहां युद्धस्तर पर की जा रही हैं।
News Subah Ki: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि महाकुंभ मेला में मुख्य स्नान पर्व पर कोई प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा और इस अवसर पर पूज्य संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की जाएगी। प्रयागराज में महाकुंभ के दृष्टिकोण से समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि मेला लगभग आकार ले चुका है, और 7,000 से अधिक संस्थाएं यहां आ चुकी हैं। डेढ़ लाख से अधिक टेंट की व्यवस्था मेला प्राधिकरण की ओर से की गई है।
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महाकुंभ का ऐसा मुहूर्त 144 साल के बाद आया
देश-दुनिया से लोग प्रयागराज महाकुंभ में आने के लिए उत्सुक हैं। 144 वर्ष के बाद महाकुंभ का यह मुहूर्त आ रहा है और इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा यहां युद्धस्तर पर की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने प्रयागवासियों से आतिथ्य सेवा के साथ ही महाकुंभ के दौरान स्वच्छता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करने की अपील करते हुए कहा, कि स्वच्छता और आतिथ्य सेवा का जो उदाहरण उन्होंने 2019 के कुंभ में प्रस्तुत किया गया था। उससे बड़ा और अच्छा अवसर इस बार उनके सामने आ रहा है।
महाकुंभ के दौरान सरकार की पुख्ता व्यवस्थाएं
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में प्रत्येक तीर्थयात्री और पर्यटक की सुरक्षा और सुविधा को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए कहा, “महाकुंभ में कोई भारतीय पर्यटक हो या विदेशी पर्यटक, प्रवासी भारतीय हो या प्रयागराज वासी, बिना भेदभाव सबकी सुरक्षा-सबकी सुविधा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के दौरान आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, अग्निशमन, घाट सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा तंत्र को और पुख्ता किया जाना आवश्यक है। सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों को (24×7) चौबीस घंटे और सातों दिन सक्रिय रहना होगा। महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी विभागों से उनके कार्यों की प्रगति का विवरण लिया।
फर्जी खबरों और अफवाहों पर कड़ाई से लगाम लगाने के निर्देश
उन्होंने सभी रेहड़ी-पटरी वालों, ऑटो रिक्शा चालकों और ई-रिक्शा चालकों के पुलिस द्वारा सत्यापन तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया पर फर्जी खबरों और अफवाहों पर कड़ाई से लगाम लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं, जिन्हें यथोचित जवाब दिया जाना चाहिए। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने मुख्यमंत्री को बताया कि सभी अखाड़ों, महामंडलेश्वर, खालसा, दंडीबाड़ा, खाकचौक और अन्य संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण हो गया है, जबकि अन्य नई संस्थाओं को आवंटन का कार्य जारी।
महाकुंभ में 550 बसों को 5 जनवरी से चलाने का भी निर्देश
मुख्यमंत्री ने अगले तीन दिनों में अरैल क्षेत्र में नया स्नान घाट तैयार करने के निर्देश दिए है। और महाकुंभ के लिए चलाई जाने वाली करीब 550 शटल बसों को पांच जनवरी से चलाने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज दौरे पर मां गंगा का अभिषेक और पूजन किया। उन्होंने बड़े हनुमान जी का भी दर्शन-पूजन किया। इससे पूर्व उन्होंने नैनी के अरैल में बायो सीएनजी संयंत्र का उद्घाटन किया।
महाकुंभ का नजारा देखकर, खुली रह जाएंगी आंखें
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प्रयागराज महाकुंभ 2025 |
प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ दुनियाभर के श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। इन दिनों प्रयागराज में शाम का नजारा कुछ ऐसा लग रहा है मानो तारे जमीं पर उतर आए हों। वहीं महाकुंभ को लेकर विशेष तैयारियां भी की जा रही हैं।
इस बार के आगामी महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में पहली बार ‘अंडरवाटर ड्रोन’ तैनात किए जाएंगे। ये अंडरवाटर ड्रोन चौबीस घंटे पानी में 100 मीटर गहराई तक गोता लगाकर निगरानी करेंगे। इन अंडरवाटर ड्रोन के बारे में संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों और अन्य आगंतुकों की सुविधा के लिए 92 सड़कों का नवीनीकरण और 30 पंटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं भारत की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न भाषाओं के 800 साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं।।
40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है कि ‘‘प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का एक भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध आयोजन हो।’’ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 45 दिवसीय इस महोत्सव में दुनियाभर से 40-50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। संस्कृति मंत्रालय ने महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों और इस विशाल समागम के लिए नागरिक सुविधाओं एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है।
संगम में तैनात रहेंगे अंडरवाटर ड्रोन
संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘संगम क्षेत्र में पहली बार चौबीस घंटे निगरानी के लिए 100 मीटर गहराई तक गोता लगाने में सक्षम ‘अंडरवाटर ड्रोन’ तैनात किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस (AI) तकनीक वाले 2,700 कैमरों की तैनाती से ‘‘वास्तविक समय में निगरानी’’ होगी, और कड़ी सुरक्षा के तहत प्रवेश बिंदुओं पर चेहरे की पहचान के लिए AI तकनीक का उपयोग किया जाएगा। आगे बताया गया, 56 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी। सभी पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए जा रहे हैं।
सुविधा के लिए कई भाषाओं में लगाए जाएंगे, साइन बोर्ड
बयान में कहा गया है, ‘‘अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के लिए बहुभाषीय साइन बोर्ड के साथ ही भारत की विविधता को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। इसके व्यापक प्रयासों के माध्यम से, महाकुंभ 2025 का लक्ष्य केवल एक धार्मिक समागम नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति, सुरक्षा और आधुनिकता का वैश्विक उत्सव बनना है।
महाकुंभ में पहली बार डोम सिटी
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प्रयागराज महाकुंभ 2025 |
प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार डोम सिटी बसाया जा रहा है। इसके नजारे बेहद ही अलौकिक होंगे। फायर प्रूफ डोम सिटी बनकर लगभग तैयार हो गई है। डोम सिटी में बने कॉटेज का किराया 81 हजार रुपये तक होगा। 3 हेक्टेयर में बने भव्य डोम सिटी का निर्माण हो रहा है। जो देखने में सम्मोहित करने वाला और मन को मोह लेने वाला होगा। इसकी लागत लगभग ₹51 करोड़ रुपए की है।
डोम सिटी के कॉटेज की खासियत
महाकुंभ में डोम सिटी आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का अद्भुत संगम होगा। जो हर प्रकार से एक अदभुत नजारा और अविस्मरणीय फिलिंग देगा। डोम सिटी में रुकने वालों को हिल स्टेशन पर रुकने का अहसास होगा। ठंडी हवाओं के बीच चारो तरफ संगम का नजारा जो अद्वितीय होगा। अंडाकार कॉटेज के अंदर से ही लोग गंगा और यमुना नदी का दर्शन कर सकेंगे। इसका लुक 360 डिग्री की तरह रखा गया है. जिसमें अटैच टॉयलेट की भी सुविधा भी दी गई है।
महाकुंभ मेले में सफाई पर खासा जोर
प्रयागराज महाकुंभ में सरकार के सामने इस बार सबसे बड़ी चुनौती स्वछता को बनाए रखना है, क्योंकि यहां करीब 40 से 50 करोड़ तक श्रद्धालु आएंगे। इसके लिए पूरे संगम क्षेत्र में 10 लाख के करीब ग्रीन टॉयलेट लगाए जा रहे हैं। इन ग्रीन टॉयलेट की खासियत ये है, की इससे कोई गंदगी नहीं होंगी। खास तौर पर महिलाओं के लिए महाकुंभ में सफाई और शौचालय का ध्यान रखा गया है।
राष्ट्रपति और पीएम मोदी को महाकुंभ में आने का निमंत्रण
उत्तर प्रदेश सरकार 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले के लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करेगी। इस बार प्रयागराज का महाकुंभ अलौकिक और अविस्मरणीय होगा। जो हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह विशालकाय धार्मिक आयोजन प्रयागराज में 45 दिनों तक जारी रहेगा।
Disclaimer: ये लेख इंटरनेट पर आधारित है, इस लेख को लेकर कोई प्रकार का दावा या क्लेम करना अनुचित एवम् अमान्य होगा।