क्या बांग्लादेश भारत से युद्ध की तैयारी में लगा हुआ है? परन्तु भारत का रुख शांत क्यों!

भारतीय बॉर्डर समीप बांग्लादेश


News Subah Ki: भारत के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश भारत से सीधी जंग की तैयारी कर रहा है। सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर हाल ही में बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश यानी (BGB) के बीच काफी ज्यादा तनाव देखने को मिला था, तब मामला जैसे-तैसे शांत हुआ है। इस विषय में भारत सरकार को बहुत ही गंभीरता से सोचना चाहिए। हमें यह नहीं समझ आ रहा कि भारत का रुख इतना शांत क्यों है? 


BGB ताबड़तोड़ बंकर बनाने में लगी, भारतीय सीमा के नजदीक: 


अब इसी कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बांग्लादेश की सेना बॉर्डर पर घास हटाकर गड्डा खोदती हुई नजर आई। खुफिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया। साफ है कि BGB बॉर्डर पर बंकर बनाने में लगी है। एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में उत्तरी बंगाल से सटे कई क्षेत्रों में बांग्लादेश बंकर बना रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार सीमा पर बकरों के निर्माण को लेकर उत्तर बंगाल के सीमावर्ती इलाके में दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के जवानों के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली है। सीमा के दोनों ओर के ग्रामीणों के बीच भी इसे लेकर विवाद छिड़ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए BGB ने अपने जवानों की संख्या में इजाफा कर दिया।


बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब:


जवाब में BSF के जवानों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। तीन बीघा सीमा पर BSF अपनी पूरी सक्रियता दिखा रही है। पहले से निगरानी को काफी बढ़ा दिया गया है। यह घटनाक्रम इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। सीमा पर सैनिकों का जमाबड़ा बढ़ाए जाने के बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को सीमा तनाव को लेकर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। वर्मा को दोपहर लगभग तीन बजे मंत्रालय में प्रवेश करते देखा गया। विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ उनकी बैठक लगभग 45 मिनट तक चली।


भारत को सीमा पर बाड़ लगाने से रोका:


भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मेखलीगंज प्रखंड के तीन बीघा कॉरिडोर पर भारत द्वारा खुली सीमा पर कंटीले तार की बाड़ लगाने के खिलाफ बांग्लादेशी जवान सामने आ गए थे। पिछले शुक्रवार को हुए इस मामले के दौरान दोनों सेनाओं के बीच विवाद बढ़ गया था और इलाके में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। तनाव के बीच दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने आपात बैठक बुलाई। तब उत्तर 24 परगना में पेट्रापोल सीमा पर BGB कमांडर ने BSF के क्षेत्रीय चीफ के साथ बैठक की थी। बांग्लादेश के अनुरोध पर भारत से बाड़ लगाने के अपने प्लान को रोक दिया था।


भारत ने बांग्लादेशी उच्चायुक्त को साउथ ब्लॉक में तलब किया:


बांग्लादेश बॉर्डर पर BSF और BGB में तगड़ी नोंक-झोंक हुई थी। इस विषय को लेकर भारत के विदेश विभाग ने भारत मे रह रहें, बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त श्री मोहम्मद नूरल इस्लाम को विदेश मंत्रालय ने आज, 13 जनवरी, 2025 को दोपहर 2:00 बजे साउथ ब्लॉक में तलब किया गया है। शायद भारत के रुख के बारे बताते हुए करा संदेश दिया गया होगा। अभी तक इस विषय पर कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।


भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ का निर्माण:


यह बताया गया कि बाड़ लगाने सहित सीमा पर सुरक्षा उपायों के संबंध में भारत ने दोनों सरकारों और सीमा सुरक्षा बल तथा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है। और इस बात को लेकर बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार को भी अवगत कराया गया है।

भारत ने सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और तस्करी की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करके अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कांटेदार तार की बाड़ लगाना, सीमा पर प्रकाश व्यवस्था, तकनीकी उपकरणों की स्थापना और मवेशियों के लिए बाड़ लगाना सीमा को सुरक्षित करने के उपाय हैं। 


बांग्‍लादेश को बाड़ फेंसिंग से आखिर क्‍या दिक्‍कत है?


भारत की ओर से बॉर्डर पर बाड़ लगाने से बांग्लादेश में खलबली मची हुई है। इसके अलावा कोशिश की गई कि आतंकवाद, कट्टरपंथियों और उग्रवादियों को रोका जाए उन्‍होंने कहा कि अवैध गतिवधियों जैसे ड्रग्‍स की तस्‍करी, मानव तस्‍करी, करेंसी रैकेट दोनों देशों के बीच चल रहा था। उसे रेगुलेट करके बंद करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि मोहम्‍मद यूनुस के पीछे जो ताकते हैं, वो कट्टरपंथी ताकते हैं। वो अपने बिजनेस को चलाने के लिए और खुद को मजबूत करने के लिए इस तरह की अवैध गतिविधियों का सहारा लेते हैं, और भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों को अस्थिर करने की उनकी मंशा है।

उन्‍होंने कहा कि 2001 से 2006 के बीच ऐसे बहुत से सबूत मिले हैं, जिनमें पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी ISI का नाम सामने आया है। वह ताकतें बांग्लादेश में एक बार फिर मजबूत हो गई हैं, और वो नहीं चाहती है, कि बॉर्डर पर फेंसिंग की जाए।

भारत ने अपनी उम्मीद जताई कि बांग्लादेश द्वारा पहले की सभी सहमतियों को लागू किया जाएगा और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।


Disclaimer: ये लेख इंटरनेट पर आधारित है, इस लेख को लेकर कोई प्रकार का दावा या क्लेम करना अनुचित एवम् अमान्य होगा।

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