भारतीय वायु सेना में 62 साल सर्विस देने के बाद आखिरकार रिटायर हुआ "MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान!

MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान
भारत का MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान


News Subah Ki: भारतीय वायुसेना (IAF) का सबसे पुराना योद्धा MiG-21 बाइसन का 62 साल का शानदार सफर आखिरकार 19 सितंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा। MiG-21 सिरीज़ का सबसे उन्नत और भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला बेहतरीन लड़ाकू विमान है, MiG-21 बाइसन। इसे दुश्मन के विमानों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, और इसमें नया रडार, जीपीएस (GPS), संचार प्रणाली और बेहतर मिसाइलें जोड़ी गई थीं। हालांकि, इसके डिजाइन की कुछ कमियों और बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण भारतीय वायुसेना से इसे 62 साल की सेवा के बाद 19 सितंबर, 2025 को रिटायर कर दिया जाएगा। अब यह शानदार लड़ाकू विमान या तो संग्रहालयों में प्रदर्शित होंगे या फिर स्क्रैप हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं, इस एयरक्राफ्ट के कुछ सुनहरे पलो के बारे में पूरे विस्तार से।

 Highlights  

 भारतीय वायुसेना (IAF) में सबसे ज्यादा करीब 62 वर्षों तक अपना सेवा दिया Mig-21 बाइसन लड़ाकू विमान।

✅ आखिरकार 19 सितंबर 2025 को रिटायर हो जाएगा इंडियन एयर फोर्स का जाबाज योद्धा MiG-21 एयरक्राफ्ट।

 MiG-21 लड़ाकू विमान ने 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 MiG-21 एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। जिसका रफ्तार करीब 2229 किमी/घंटा तक पहुँच सकता था।

 अपने सेवाकाल में MiG-21 ने कई बार दुर्घटनाओं का सामना किया था, जिससे इसे Flying Coffin भी कहा जाता था।

MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान
भारत का MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान


Mig-21 सीरीज के लड़ाकू विमानों की कीमत:

भारत के Mig-21 सीरीज के लड़ाकू विमानों की कीमत इस प्रकार से है। भारत रक्षक डॉट कॉम के अनुसार MiG-21 के अलग-अलग लड़ाकू विमानों की कीमतों में काफी अंतर है, एक MiG-21Bis (ओल्ड एयरफ्रेम) की कीमत लगभग ₹3.32 करोड़ रुपये हैं। वहीं MiG-21Bis (न्यू एयरफ्रेम) का दाम करीब ₹10.10 करोड़ है, और MiG-21FL की कीमत लगभग ₹1.46 करोड़ के करीब है।

इस लड़ाकू विमान में RP-21 सैफिर (नाटो कोडनाम: स्पिन स्कैन) एक रडार प्रणाली थी, जिसे सोवियत संघ द्वारा अद्यतन MiG-21PF लड़ाकू विमानों में उपयोग के लिए विकसित किया गया था। और MiG-21 के बाद वाले संस्करणों में भी इसका उपयोग किया गया था।

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MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान
भारत का MiG-21 बाइसन" लड़ाकू विमान


Mig-21 बाइसन लड़ाकू विमानों की खूबियां: 

MiG-21 बाइसन मूल रूप से MiG-21 का ही एक अपग्रेडेड संस्करण (Upgraded Version) था, जिसको भारतीय वायुसेना (IAF) एक इंटरसेप्टर के रूप में इस्तेमाल कर रही थीं।

आधुनिक उपकरण: इसमें नया रडार, जीपीएस (GPS), बेहतर संचार प्रणाली, हेलमेट माउंटेड साइट्स और घातक मिसाइलों से लैस किया गया था।

गति और मारक क्षमता: यह MiG-21 एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। जो मैक 2 (2,230 कि.मी./घंटा) की गति तक पहुँच सकता था। और यह कई एयर-टू-एयर मिसाइलों से लैस भी रहता था है।

विरासत: भारतीय वायुसेना (IAF) ने पहली बार MiG-21 विमानों को 1960 में शामिल किया था, और इसने 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्धों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Mig-21 बाइसन लड़ाकू विमानों की कमियां:

तकनीकी कमियां: MiG-21 बाइसन लड़ाकू विमान की तकनीक बहुत पुरानी हो चुकी थी, जिसके कारण यह अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होती रहती थी। और इसके डिजाइन में भी कई सुरक्षा कमियां थीं। 

दुर्घटनाएं: अपने सेवाकाल में, MiG-21 लड़ाकू विमान ने कई बार दुर्घटनाओं का सामना किया है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 60 सालों में करीब 500 से ज्यादा MiG-21 लड़ाकू विमान क्रैश हुए हैं। जिसमें भारतीय वायुसेना (IAF) के लगभग 200 से ज्यादा जांबाज पायलटों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। और साथ में करीब 60 नागरिकों की भी मौत हुई थी। इस कारण से ही MiG-21 लड़ाकू विमान को उड़ता ताबूत (Flying Coffin) और विडो मेकर कहा जाने लगा था।

Disclaimer: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है। News Subah Ki ने पोस्ट में किए गए दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है, और न ही उनकी सटीकता की गारंटी देता है। व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक रूप से News Subah Ki के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। पाठक विवेक का प्रयोग करें।

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