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Rudram मिसाइल |
News Subah Ki: रुद्रम मिसाइल (Rudram Missile) भारत की एक बेहतरीन फ्लैगशिप मिसाइल सिस्टम है, जो एयर-टू-सरफेस एंटी रेडिएशन मिसाइल है, जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। यह मिसाइल दुश्मन के रडार, ट्रांसमीटर सिग्नलों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणालियों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है। इसे भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया के तहत देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम मिसाइल' (Rudram Missile) को वायु सेना में लाने के लिए बड़े कदम उठाए गए। इसीलिए वायु सेना ने सरकार को ₹1,400 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव दिया था। रुद्रम देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल है। रुद्रम मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि है, और यह देश की सुरक्षा को और मजबूत करती है।
Highlights
🚀 रुद्रम-1 (Rudram-1) मिसाइल (ARM) सिस्टम की जानकारी।
🚀 रुद्रम-2 (Rudram-2) मिसाइल (ARM) सिस्टम की जानकारी।
🚀 रुद्रम-3 (Rudram-3) मिसाइल (ARM) सिस्टम की जानकारी।
रुद्रम मिसाइल (Rudram Missile) के बारे में मुख्य जानकारी:
भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के द्वारा विकसित एक एंटी-रेडिएशन मिसाइल (Anti-Radiation Missile, ARM) है, जिसे दुश्मन के रडार और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मिसाइल भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है, जो दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करने में सक्षम है।
रुद्रम (Rudram) मिसाइल (ARM) सिस्टम को भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के द्वारा स्वदेशी तकनीक पर विकसित किया गया है। DRDO ने रुद्रम (Rudram) मिसाइल (ARM) सिस्टम को अभी तीन वेरिएंट में विकसित किया है।
1. रुद्रम - 1 (Rudram-1)
2. रुद्रम - 2 (Rudram-2)
3. रुद्रम - 3 (Rudram-3)
आए इन तीनों एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं, वो भी पूरे विस्तार से!
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Rudram-1 मिसाइल |
1. रुद्रम-1 (Rudram-1) मिसाइल (ARM) सिस्टम:
रुद्रम-1 (Rudram-1) मिसाइल (ARM) सिस्टम का 9 अक्टूबर 2020 को पहली बार एंटी-रेडिएशन मोड में टेस्ट किया गया था। इसे ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप पर एक टारगेट के खिलाफ भारतीय वायु सेना के SU-30 MKI फाइटर जेट से दागा गया था। इसे मिसाइल को इसकी सटीकता के लिए भी जाना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि भारत में बनाई गई, ये अपने तरह की पहली मिसाइल है, जिसे किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है। इस रुद्रम मिसाइल सिस्टम का सिग्नल और रेडिएशन सिस्टम भी बड़ा स्ट्रॉन्ग है। इसे सुखोई SU-30 और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है। परीक्षण के बाद इसका निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। डीआरडीओ (DRDO) ने बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए विकास सह उत्पादन भागीदार कार्यक्रम के तहत अदानी डिफेंस और एयरोस्पेस को भी शामिल किया गया है।
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1A. Rudram-1 का परिचय:
यह स्वदेशी रुद्रम-1 (Rudram-1) मिसाइल (ARM) सिस्टम भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। इसे दुश्मन के रडार सिस्टम को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिससे दुश्मन सेना अपनी राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों की क्षमता खो देता है। वर्तमान में यह टेक्नोलॉजी सिर्फ अमेरिका, रूस और जर्मनी के पास है।
1B. Rudram-1 की रेंज:
इस स्वदेशी Rudram-1 मिसाइल सिस्टम की रेंज लगभग 100 से 150 किलोमीटर की है, जिसे फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है।
1C. Rudram-1 की स्पीड:
इस मिसाइल सिस्टम Rudram-1 को DRDO ने सुपरसोनिक स्पीड (Mach 2) यानि लगभग 2450 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम बनाता है।
1D. Rudram-1 के उद्देश्य और प्रयोग:
अभी फिलहाल इस मिसाइल को सुखोई SU-30 MKI फाइटर जेट से परीक्षण किया गया है। आगे इसे भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों जैसे कि मिराज-2000, तेजस फाइटर जेट और अन्य विमानों से लॉन्च किया जा सकता है। यह एक एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के रडार, संचार प्रणाली और अन्य इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों को नष्ट करने में सक्षम और माहिर है।
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Rudram 2 मिसाइल |
2. रुद्रम-2 (Rudram-2) मिसाइल (ARM) सिस्टम:
रुद्रम-2 मिसाइल सिस्टम Rudram-1 का अति विकसित एवम् उच्च गुणवत्ता वाले आधुनिक तकनीक वाला Rudram-2 मिसाइल (ARM) सिस्टम को DRDO ने भारत की मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी रक्षा तकनीक का एक सेंसेटिव उदाहरण है, जो देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रुद्रम-2 मिसाइल सिस्टम को हाइपरसोनिक वेरिएंट में विकसित किया जा रहा है, इस रुद्रम-2 का निर्माण अदानी डिफेंस और एयरोस्पेस अपनी हैदराबाद फेसिलिटी में करेंगे।
2A. Rudram-2 का परिचय:
Rudram 2 एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम Rudram 1 का उन्नत संस्करण है। इसे और ज्यादा अधिक रेंज और क्षमता के साथ विकसित किया गया है। Rudram 2 का विकास अभी प्रगति पर है, और इसके परीक्षण की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है।
2B. Rudram-2 का रेंज:
Rudram-2 की रेंज Rudram-1 से अधिक होने वाली है। इस मिसाइल सिस्टम की रेंज अनुमान के अनुसार जो लगभग 300 से 350 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
2C. Rudram-2 की स्पीड:
यह मिसाइल सिस्टम को हाइपरसोनिक स्पीड (मैक -5) यानि लगभग 6150 से 6500 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम बनाया गया है। इस रूद्रम-2 मिसाइल एक हाइपरसोनिक तकनीकी वाली मिसाइल सिस्टम होगी। इसे भारतीय वायुसेना के प्रत्येक लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जा सके उस तरह का बनाया गया है, क्योंकि इसे ज्यादातर Tejas फाइटर जेट में इस्तेमाल किया जा सके।
2D. Rudram-2 की प्रयोग:
यह दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को बेअसर करने में सक्षम होंगी। यह मिसाइल दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करने और नष्ट करने में सक्षम होंगी। जो युद्ध के मैदान में एक बड़ा फायदा प्रदान करती है।
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Rudram-3 मिसाइल |
3. रुद्रम-3 (Rudram-3) मिसाइल (ARM) सिस्टम:
रुद्राम-3 एक हाई फ्रिक्वेंसी एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम होगी, जिसको कोई भी आधुनिक रडार से ट्रैक नहीं किया जा सकता है। यह अति आधुनिक तकनीक वाला रुद्रम-2 का प्यूरीफाई वर्जन जो उससे भी अत्यधिक सुपीरियर होने वाला है।
3A. Rudram-3 का परिचय:
यह Rudram-3 मिसाइल हाइपरसोनिक गति से चलती है। इसकी स्टील्थ क्षमता और अधिक स्पीड के कारण इसे रोकना लगभग नामुमकिन है। यह मिसाइल चीन के डिफ़ेंस सिस्टम के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है।
3B. Rudram-3 का रेंज:
इस Rudram-3 मिसाइल सिस्टम का रेंज लगभग 550 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना जताई जा रही है। यह अभी विकास प्रक्रिया में है, इसलिए इस मिसाइल सिस्टम का ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है।
3C. Rudram-3 की स्पीड:
रुद्रम-3 मिसाइल को हाइपरसोनिक रफ्तार यानि लगभग (5 से 7 मैक) 6200 से 8600 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना जताई जा रही है।
3D. Rudram-3 की प्रयोग:
रुद्रम-3 मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली एक एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। इस मिसाइल को खासकर ग्राउंड अटैक के लिए बनाया गया है। इस मिसाइल का इस्तेमाल बंकर फोड़ने और इमारतों को गिराने में किया जा सकता है।
Conclusion:
यह DRDO के रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक हवा से सतह में मार करने वाले वाली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम है। यह मिसाइल सिस्टम भारत को रक्षा क्षेत्र मे पूरे विश्व में अग्रिम पक्ति मे बनाए रखेगा।
भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रुद्रम -1 (150 किलोमीटर) के सफल परीक्षण के बाद अब रुद्रम -2 (350 किलोमीटर) और रुद्रम -3 (550 किलोमीटर) हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी विकसित कर रहा है। इसमें अंतिम हमले के लिए निष्क्रिय होमिंग हेड के साथ INS-GPS नेविगेशन भी है। कुल मिलाकर ओवरऑल यह स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल सिस्टम बहुत घातक और प्रभावशाली है।
Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।
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