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भारत का सैन्य क्षेत्र में एक बड़ा छलांग, MANPADS वायु-रक्षा प्रणाली VSHORADS का सफल परीक्षण! यह कम ऊंची उड़ान वाले विमान, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों से मुकाबला के लिए डिज़ाइन।
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शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS |
News Subah Ki: भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। भारत द्वारा निर्मित स्वदेशी मानव-पोर्टेबल वायु-रक्षा प्रणाली (MANPADS) जो बहुत ही घातक वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) जो कम ऊंचाई वाले ऑब्जेक्ट जैसे फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने में सफल है। भारत की कम दूरी वाली रक्षा प्रणाली तैयार हो गई है। रक्षामंत्रालय कि विभिन्न विश्लेषणों में VSHORADS मिसाइलों ने ड्रोन को नष्ट करने सहित अन्य हवाई खतरों को टालने की क्षमता प्रदर्शित किया है। इस शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) का परीक्षण उड़ीसा के चांदीपुर तट से किया गया। यह मिसाइल ने लगातार तीन बार पिन पॉइंट पर मारा सटीक निशाना, इसे DRDO का बहुत बड़ा कारनामा कहा जा सकता है। तो आइए जानते हैं इस वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS के बारे मे विस्तार से।
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शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS |
हाईलाइट्स (Highlights)
• एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS का सफल परीक्षण
• शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस VSHORADS मिसाइल की विशेषता
• फायर एंड फॉरगेट सिस्टम से लैस VSHORADS मिसाइल
• VSHORADS के परीक्षण की सफलता के मायने
• अन्य मिसाइलों से शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस VSHORADS की तुलना
एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS का सफल परीक्षण:
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर तट से बेहद कम ऊंचाई पर तेज गति से उड़ने वाले लक्ष्यों के खिलाफ वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) के तीन सफल टेस्ट पूरे कर लिए हैं। इन टेस्ट के सफल होने से भारत की रक्षा क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। परीक्षण बहुत कम ऊंचाई पर उड़ने वाले उच्च गति वाले लक्ष्यों के खिलाफ किए गए थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने VSHORADS (बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली) मिसाइलों के सफल उड़ान परीक्षणों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और सशस्त्र बलों को बधाई दी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘तीनों उड़ान परीक्षणों के दौरान, मिसाइलों ने अलग-अलग उड़ान स्थितियों में कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन के समान लक्ष्यों को रोका और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। VSHORADS स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक पोर्टेबल मिसाइल प्रणाली है, जिसे सेना के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को कम ऊंचाई पर ही निष्क्रिय किया जा सके।
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बयान में कहा गया है, ‘‘उड़ान परीक्षण अंतिम तैनाती स्थिति में किए गए, जहां दो फील्ड ऑपरेटर ने हथियार तैयारी, लक्ष्य प्राप्ति और मिसाइल दागने का परीक्षण किया। VSHORADS ‘पोर्टेबल’ वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) द्वारा DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों के साथ स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न विश्लेषणों में VSHORADS मिसाइलों ने ड्रोन को नष्ट करने सहित अन्य हवाई खतरों को टालने की क्षमता प्रदर्शित की है। यह मिसाइल प्रणाली सेना के तीनों अंगों-थल सेना, वायु सेना, नौसेना की जरूरतों को पूरा कर सकती है।
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VSHORADS |
VSHORADS मिसाइल की विशेषता:
इस वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS को लॉन्च करना बेहद ही आसान MANPADS (Man-Portable Air Defense System) इसे एक सैनिक कंधे पर रखकर दाग सकता है, या फिर इसे ट्राइपॉड पर भी लगा कर लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल सिस्टम का रेंज सीमा अभी फिलहाल लगभग 6 किलोमीटर है जिसे बाद में बढ़ाये जाने का अनुमान लगाया जा सकता है। इस मिसाइल सिस्टम का गति (Speed) अभी सुपरसोनिक (ध्वनि की गति से तेज) है, जिसे बाद में DRDO द्वारा हाइपरसोनिक स्पीड तक पहुंचाया जा सकता है। इस मिसाइल सिस्टम को मार्गदर्शन के लिए इन्फ्रारेड होमिंग (IR Seeker) प्रणाली से लैस किया गया है। जो दुश्मन के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के इंजन से निकलने वाली ऊष्मा (Heat) को ट्रैक करके लक्ष्य को पिन पॉइंट पर भेदता है।
VSHORADS मिसाइल में फायर एंड फॉरगेट सिस्टम:
यह मिसाइल सिस्टम युद्ध क्षेत्र में बहुत ही शानदार प्रदर्शन करता है। इसे एक हाई-एक्सप्लोसिव वारहेड से लैस किया जाता हैं, जो कोई भी ऑब्जेक्ट के टकराने या नजदीक पहुंचने पर फट जाता है। इसका उपयोग (Usage) दुश्मन के ड्रोन, हेलीकॉप्टर और निम्न ऊंचाई पर उड़ने वाले लड़ाकू विमानों को मार गिराने के लिए किया जा सकता है। और इसका बात ये है, कि ये Make in India के तहत स्वदेशी निर्माण है। इसे भारत में DRDO (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित किया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली है। इसमें दुश्मन के काउंटर-मेजर्स से बचने के लिए डुअल-बैंड इंफ्रारेड सीकर का उपयोग किया गया है। इसे बहुत ही हल्का और पोर्टेबल डिज़ाइन में बनाया गया है, जिसे एक सैनिक आसानी से ले जा सकता है। यह मिसाइल सिस्टम ऑटोमैटिक टारगेट लॉकिंग तकनीक से लैस है।
VSHORADS के परीक्षण की सफलता के मायने:
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VSHORADS |
इन परीक्षणों के दौरान मिसाइलों ने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया, जो DRDO की तकनीकी विशेषज्ञता को दर्शाता है। यह प्रणाली आधुनिक इंफ्रारेड होमिंग तकनीक से लैस है, जो कम समय में सटीक हमले करने में सक्षम है। इस स्वदेशी प्रणाली के सफल विकास से भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति मिली है। यह प्रणाली दुर्गम क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना को तत्काल हवाई खतरों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होगी। VSHORADS की उन्नत तकनीक भारतीय सेना को भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिए तैयार करेगी।
VSHORADS (बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक भारतीय निर्मित मानव-पोर्टेबल वायु-रक्षा प्रणाली (MANPADS) है। इसे कम उड़ान वाले विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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अन्य मिसाइलों से VSHORADS की तुलना:
इस वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम VSHORADS की तुलना अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की हथियारों से की जा रही है। इसी बात से इस मिसाइल सिस्टम की अहमियत समझा जा सकता है।
VSHORADS (भारत) बनाम FIM-92 Stinger (अमेरिका)
स्टिंगर और VSHORADS दोनों पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम हैं, लेकिन VSHORADS अधिक उन्नत इंफ्रारेड सीकर तकनीक से लैस है, जो स्टिंगर यानि अमेरिकी FIM-92 से अधिक बेहतरीन क्वालिटी का है।
VSHORADS (भारत) बनाम Igla-S (रूस)
Igla-S रसियन स्टिंगर है। परन्तु VSHORADS की ट्रैकिंग और वारहेड क्षमता रसियन स्टिंगर Igla-S से बहुत अधिक आधुनिक मानी जाती है।
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VSHORADS (भारत) बनाम FN-6 (चीन)
इस मिसाइल सिस्टम VSHORADS के आस पास भी FN-6 चाइनीज स्टिंगर नहीं ठहरती है।
VSHORADS का नवीनतम अपडेट:
इस मिसाइल सिस्टम को 2022 और 2023 में सफल परीक्षण किया गया है। यह इन्फ्रारेड होमिंग (IR सीकर) सिस्टम से लैस है। इस मिसाइल सिस्टम को भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में खरीदने का आदेश दिया है। यह मिसाइल भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगी और देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह बेहतर प्रतिरोध के लिए दोहरे बैंड वाले इन्फ्रारेड होमिंग का उपयोग करता है। यह मिसाइल सिस्टम VSHORADS भारत की कम दूरी की वायु रक्षा को मजबूत करता है, जिससे रूसी Igla-S जैसी आयातित प्रणालियों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
हाल ही में, 1 फरवरी, 2025 को, DRDO ने ओडिशा के चांदीपुर तट पर VSHORADS मिसाइल प्रणाली के लगातार तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरी किए। इन परीक्षणों ने विभिन्न परिस्थितियों में कम उड़ान वाले ड्रोन की नकल करने वाले लक्ष्यों को रोकने और नष्ट करने की प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया है।
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