Rafale vs Tejas Mk2: भारतीय वायुसेना (IAF) पिछले कई सालों से लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही है। इस कमी को दूर करने के लिए, सरकार ने फ्रांस से विदेशी लड़ाकू विमान राफेल को खरीदा था। लेकिन अब यह बहस चल रही है, कि क्या भारत का अपना स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस मार्क-2 इस कमी को ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है।
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भारतीय वायुसेना का राफेल फाइटर जेट और स्वदेशी तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान। |
News Subah Ki: आज भारतीय वायुसेना (IAF) के पास फिलहाल जितने लड़ाकू विमान होने चाहिए, उतने नहीं हैं। इस गंभीर कमी को देखते हुए, वायुसेना ने कुछ समय पहले फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों का एक छोटा बेड़ा (दो स्क्वाड्रन) खरीदा था। राफेल लड़ाकू विमान एक बहुत ही शक्तिशाली और युद्ध में अपनी काबिलियत साबित कर चुका विमान है। लेकिन इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से भारत बड़ी संख्या में ऐसे विमान नहीं खरीद सकता। इसी बात पर यह बहस चल रही है कि क्या भारतीय वायुसेना को एक महंगा विदेशी विमान खरीदना चाहिए था, या फिर भारत को अपने ही देश में बन रहे तेजस मार्क-2 जैसे विमान पर अधिक भरोसा करना चाहिए था, जो कम कीमत में बड़ी संख्या में बनाए जा सकते हैं।
Highlights
✅ भारतीय वायुसेना (IAF) के पास फिलहाल जितने लड़ाकू विमान होने चाहिए, उतने अभी है नहीं।
✅ भारतीय वायुसेना को महंगे विदेशी विमान की जगह तेजस मार्क-2 जैसे विमानों पर अधिक भरोसा करना चाहिए।
✅ राफेल लड़ाकू विमानों की ऊंची कीमत की वजह से सरकार इसके सीमित विमान ही खरीद पाई है।
✅ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान पूरी तरह से भारत में बना है।
✅ तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान में अमेरिकी कंपनी के बहुत ही शक्तिशाली GE-F414 इंजन लगाया जाएगा।
राफेल लड़ाकू विमान की खासियत और उसकी सीमा:
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भारतीय वायुसेना का राफेल फाइटर जेट। |
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तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान की काबिलियत:
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भारतीय वायुसेना का नया योद्धा तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान। |
इतना ही नहीं, यह लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 से ज्यादा हथियार और ईंधन लेकर उड़ सकेगा, जिससे यह लंबी दूरी के मिशन को भी अंजाम दे सकता है। वहीं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान पूरी तरह से भारत में बना है। यह विदेशी विमानों की तुलना में काफी सस्ता होगा, जिससे भारत सरकार इसे बड़ी संख्या में बना सकेगी।
तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना (IAF) में मौजूद पुराने विमानों को रिप्लेस करने के लिए जैसे मिराज 2000, जैगुआर, और MiG-29 की जगह लेने के लिए बनाया जा रहा है।
लड़ाकू विमानों के बारे मे क्या कहते हैं जानकार?
जानकारों का मानना है, कि भले ही राफेल एक उच्च श्रेणी का लड़ाकू विमान है, लेकिन वायुसेना की जरूरत को देखते हुए, तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान एक ज्यादा व्यावहारिक समाधान हो सकता था। कम कीमत में बड़ी संख्या में तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमानों को बनाकर वायुसेना अपनी स्क्वाड्रन की कमी को जल्दी और सस्ते में पूरा कर सकती है। यह बहस इस बात पर है, कि क्या एक छोटी संख्या में बहुत महंगे और सक्षम विमान खरीदना सही है, या फिर बड़ी संख्या में किफायती और अपनी जरूरतों को पूरा करने वाले विमानों को बेड़े में शामिल करना।
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