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जापान की शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन |
जापान भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन E-5 और E-3 मुफ्त देगा। इससे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की टेस्टिंग में मदद मिलेगी।
News Subah Ki: भारत और जापान की दोस्ती की कहानियां हमने बहुत सुनी थीं, मगर इस बार हमें देखने को मिलने वाला है। पूरी दुनिया के सामने भारत और जापान की दोस्ती ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। जापान ने भारत को तोहफे में विश्व प्रसिद्ध दो शिंकानसेन "बुलेट ट्रेन" (Bullet Train) देने का ऐलान किया है। यह हाई-स्पीड ट्रेन न केवल भारत के रेल नेटवर्क को आधुनिक बनाएगी, बल्कि दोनों देशों के बीच तकनीकी और सांस्कृतिक रिश्तों को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। आइए, जानते हैं इस शानदार सौगात की खासियत और इसके भारत के लिए मायने क्या होगा?
Highlights
• पूरी दुनिया के सामने भारत और जापान की दोस्ती ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है।
• जापान भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन E-5 और E-3 मुफ्त देगा।
• आइए जानते हैं, शिंकानसेन बुलेट ट्रेन E-5 और E-3 के बारे में।
• जापानी शिंकनसेन E-5 और E-3 बुलेट ट्रेन की वर्तमान स्थिति।
• इसके बाद अगली पीढ़ी के लिए डिजाइन होगी E-10 बुलेट ट्रेन।
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जापान की शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन |
जापान दे रहा है फ्री में दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन:
जापान और भारत की ऐतिहासिक दोस्ती पहले सुनने को मिलता था, वो अब देखने को मिलेगा। जापान भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन E-5 और E-3 बिल्कुल मुफ्त देगा, यानि गिफ्ट करने वाला है। इससे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की टेस्टिंग में मदद मिलेगी। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेनें 2026 की शुरुआती महीनों में ही भारत पहुंच जाएगी।
ये जानना जरूरी है, कि जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन (JIC) एजेंसी भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 80 फीसदी तक के लोन से फंडिंग कर रही है। और इसकी ब्याज दर भी लगभग सिर्फ मात्र 0.1% ही है, और इसका भुगतान भी लगभग 50 सालों में करना है।
संबंधित खबरें
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जापान की शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन |
जानते हैं जापान की शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन को:
जापान की बुलेट ट्रेन (शिंकनसेन) में E-5 सीरीज़ और E-3 सीरीज़ दो अलग-अलग मॉडल हैं, जिनके उद्देश्य, रूट और तकनीकी विशेषताएँ भिन्न हैं। यहाँ दोनों की तुलनात्मक जानकारी दी गई है।
1. E-5 बुलेट ट्रेन के बारे में:
✅ संचालक: JR East (H5 सीरीज़ JR Hokkaido द्वारा)।
✅ सेवा क्षेत्र: Tohoku Shinkansen (टोक्यो से शिन-अओमोरी) और Hokkaido Shinkansen (हक्कोदाते तक)।
✅ अधिकतम गति: 320 कि.मी. प्रति घंटा (सामान्य सेवा में 300 कि.मी. प्रति घंटा )।
E-5 बुलेट ट्रेन की विशेषता:
✅ "हायाबुसा" (Hayabusa) और "हायाते" (Hayate) सेवाओं में उपयोग।
✅ एयरोडायनामिक डिज़ाइन, हरे रंग की धारी वाला स्लीक लुक।
✅ GranClass (प्रीमियम लग्ज़री सीटें) और स्टैंडर्ड क्लास।
✅ 2011 में शुरू, भूकंप-रोधी तकनीक से लैस।
2. E-3 बुलेट ट्रेन के बारे में:
✅ संचालक: JR East।
✅ सेवा क्षेत्र: Mini-Shinkansen लाइनें, जैसे Akita Shinkansen (मोरीओका से अकिता) और Yamagata Shinkansen (फुकुशिमा से यामागाता)।
✅ अधिकतम गति: 275 किलोमीटर प्रति घंटा (मुख्य लाइन पर), और लेकिन संकरे ट्रैक पर 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक।
E-3 बुलेट ट्रेन की विशेषता:
✅ "कोमाची" (Komachi) और "त्सुबासा" (Tsubasa) सेवाओं में उपयोग।
✅ छोटे आकार के कोच (सामान्य शिंकनसेन से संकरे ट्रैक पर चलने के लिए अनुकूलित)।
✅ 1997 में शुरू, 2024 तक सेवा से हटाए जाने की प्रक्रिया में।
✅ स्टैंडर्ड और ग्रीन क्लास सीटें (GranClass नहीं)।
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जापान की शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन |
शिंकनसेन E5 और E3 बुलेट ट्रेन की वर्तमान स्थिति:
E-3 बुलेट ट्रेन अब जापान से 2025 तक चरणबद्ध तरीके से सेवामुक्त की जा रही है, जिसे E-8 सीरीज़ (2024 में लॉन्च) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।
E-5 बुलेट ट्रेन अभी भी Tohoku और Hokkaido रूट पर मुख्य ट्रेन के रूप में सक्रिय है। इन ट्रेनों का उद्देश्य जापान के विभिन्न क्षेत्रों में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करना है, लेकिन E-3 "मिनी-शिंकनसेन" सिस्टम के तहत पहाड़ी और कम आबादी वाले इलाकों तक पहुँच सुनिश्चित करती है।
अगली पीढ़ी के लिए डिजाइन होगी E-10 बुलेट ट्रेन:
शिंकानसेन की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटा है। जापान में यह 2011 से चल रही है। भारत के लिए शुरू से यह पसंदीदा मॉडल रही है। इन ट्रेनों में खास तरह का निरीक्षण उपकरण लगाया जाएगा। इससे ये ट्रैक, गति, तापमान और धूल जैसे भारत के पर्यावरणीय हालात को ध्यान में रखते हुए डेटा जुटाएंगी। इसके आधार पर अगली पीढ़ी की E-10 सीरीज (अल्फा एक्स) का डिजाइन तैयार किया जाएगा। जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 80 फीसदी तक के लोन से फंडिंग कर रही है। इसकी ब्याज दर सिर्फ 0.1% है और भुगतान 50 साल में करना है।
भविष्य में रेल को मिलेगी रफ्तार:
E-3 बुलेट ट्रेन पुराना मॉडल है, जो जापान में ‘मिनी शिंकानसेन’ बुलेट सेवा में इस्तेमाल होता है। इसकी राइड क्वालिटी, एयरोडायनामिक डिजाइन और सेफ्टी फीचर्स बेहतरीन हैं। भारत को पहली बार शिंकानसेन टेक्नोलॉजी का अनुभव मिलेगा। इससे E-10 सीरीज की तैयारी में तेजी आएगी, जो भविष्य में 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती:
शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सिर्फ तेज ट्रेन ही नहीं है। यह सुरक्षा, समयबद्धता और अत्याधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक है, जो भारत के आने वाले समय में रेल बदलाव का बड़ा हिस्सा बनेगा। जापान इससे पहले ताइवान को भी शिंकानसेन टेस्ट ट्रेन तोहफे में दे चुका है। भारत को ट्रेनें देना जापान की रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती का प्रतीक है।
Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।