दशकों से सेना द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा इंसास राइफल की जगह लेगा, भारत में निर्मित बहुत ही खतरनाक AK-203!

इंसास असाल्ट राइफल
इंसास असाल्ट राइफल


भारतीय सेना इंसास (INSAS - Indian Small Arms System) असाल्ट राइफल का उपयोग साल 1990 से कर रही है। यह भारत द्वारा विकसित और निर्मित एक स्वदेशी असॉल्ट राइफल है, यह आयुध निर्माणी तिरुचिरापल्ली में आयुध कारखानों बोर्ड द्वारा निर्मित किया जाता है। इस असाल्ट राइफल को भारतीय सशस्त्र बल, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल, भारतीय अर्धसैनिक बल और पुलिस बलों द्वारा उपयोग किया जाता है। इस इंसास असाल्ट राइफल को रॉयल भूटान आर्मी, नेपाली सेना, ओमान रॉयल आर्मी भी इस्तेमाल करती है। यह इंसास असाल्ट राइफल मुख्य रूप से AKM पर आधारित है, लेकिन इसमें अन्य राइफल्स की सुविधाओं को शामिल किया गया है। इसमें क्रोम प्लेटेड बोर है। बैरल में छह-नाली राइफलिंग है। बुनियादी गैस संचालित लंबे स्ट्रोक पिस्टन और घूर्णन बोल्ट AKM/AK-47 के समान है। तो आइए जानते हैं, इस इंसास असाल्ट राइफल के बारे में पूरे विस्तार से, यहाँ नीचे इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

  Highlights   

इंसास असाल्ट राइफल का अभी तक का इतिहास।

इंसास असाल्ट राइफल की कौन सी मुख्य विशेषताएँ।

इंसास असाल्ट राइफल परिवार में ये संस्करण भी शामिल हैं।

इंसास असॉल्ट राइफल उन्नयन और समस्याए की स्थिति।

इंसास असॉल्ट राइफल की तुलना AK-203 असॉल्ट राइफल से।

इंसास असाल्ट राइफल
इंसास असाल्ट राइफल

इंसास (INSAS) असाल्ट राइफल का इतिहास:  

इंसास असाल्ट राइफल को आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE), पुणे द्वारा डिज़ाइन किया गया था और इस असाल्ट राइफल को आयुध कारखाना बोर्ड (OFB) द्वारा तिरुचिरापल्ली में निर्मित किया जाता है। इसे 1990 में अपनाया गया था और 1998 में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किया गया था। 1999 के कारगिल युद्ध में इसका पहली बार युद्धक उपयोग हुआ था, हालाँकि इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आईं थीं।   

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इंसास असाल्ट राइफल की मुख्य विशेषताएँ: 

1. कैलिबर: 5.56×45mm NATO   

2. वजन: लगभग 4.1 किलोग्राम (खाली मैगज़ीन के साथ)   

3. लंबाई: फिक्स्ड बट: 960 मिमी और फोल्डेबल बट: 750 मिमी  

4. फायर मोड: सिंगल शॉट और 3-राउंड बर्स्ट   

5. फायर रेट: 650 राउंड प्रति मिनट   

6. प्रभावी रेंज: 400 मीटर (राइफल), 700 मीटर (LMG संस्करण)   

7. मैगज़ीन क्षमता: 20 या 30 राउंड   

संस्करण  

इंसास असाल्ट राइफल परिवार में ये संस्करण भी शामिल हैं:  

1. इंसास असॉल्ट राइफल (फिक्स्ड/फोल्डेबल बट)  

2. इंसास लाइट मशीन गन (LMG)  

3. इंसास कार्बाइन (छोटी बैरल वाला संस्करण)   

इंसास असॉल्ट राइफल उन्नयन और समस्याए:  

✅ कारगिल युद्ध के दौरान मैगज़ीन के क्रैक होने, जामिंग और ठंड में खराब प्रदर्शन की शिकायतें मिलीं थीं। 

✅ 2017 में इसे चरणबद्ध तरीके से हटाने की घोषणा की गई और AK-203 एवम् SIG716 जैसी राइफलों से प्रतिस्थापित किया जा रहा है ।  

✅ हाल ही में इसे अंडर-बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) से लैस किया गया है, जिससे यह और घातक बन गई है ।  

AK-203 असॉल्ट राइफल
AK-203 असॉल्ट राइफल 


इंसास असॉल्ट राइफल की तुलना AK-203 असॉल्ट राइफल से:

ऐसा कहा जाता है, कि INSAS असॉल्ट राइफल सिंगल शॉट और तीन-राउंड का बर्स्ट फायर कर सकता है। जबकि AK-203 सेमी-ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक मोड में चलाई जा सकती है। हालांकि, एक मामले में इंसास बेहतर है, इंसास राइफल एक मिनट में 650 बुलेट दाग सकती है, जबकि AK-203 एक मिनट में 600 बुलेट्स ही दागती है। लेकिन इसमें भी AK-203 से सटीकता का फायदा मिलता है।

INSAS में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है, जबकि AK-203 में 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है। इंसास की मजल वेलोसिटी 915 मीटर प्रति सेकेंड है, जबकि AK-203 की मजल वेलोसिटी 715 मीटर प्रति सेकेंड है। AK-203 गैस ऑपरेटेड, रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती है, यही तकनीक इंसास में भी लगी है। 

इंसास राइफल पर इन-बिल्ट आयरन साइट, माउंट प्वाइंट लगाया जा सकता है, ताकि दूरबीन से दुश्मन को देखा जा सके। इस मामले में AK-203 ज्यादा बेहतर है क्योंकि इसपर एडजस्टबल आयरन साइट तो है ही, इसके अलावा इस पर पिकैटिनी रेल लगी है, यानी आप दुनिया के किसी भी तरह के दूरबीन को इस असॉल्ट राइफल पर लगा सकते हैं। यानी जितनी ताकतवर दूरबीन होगी उतना ही घातक हमला होगा।

Conclusion:

इंसास असाल्ट राइफल भारत की स्वदेशी रक्षा उद्योग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, लेकिन इसकी सीमाओं के कारण अब इसे आधुनिक राइफलों से बदला जा रहा है। फिर भी, कुछ संशोधित संस्करण अभी भी सेवा में हैं। आने वाले कुछ दिनों में ही स्वदेशी इंसास असाल्ट राइफल की जगह। इंडो-रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) अमेठी, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्मित स्वदेशी AK-203 असॉल्ट राइफल लेगी। यह AK-203 असॉल्ट राइफल भारतीय सेना द्वारा कई दशकों से उपयोग में लाई जा रही इंसास (INSAS) असॉल्ट राइफल्स की जगह लेगी।

Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।

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