Maha Kumbh 2025: योगी सरकार का बड़ा तोहफा! कुंभ में घटा दिए राशन के दाम, और लगाए स्वागत में विशाल डमरू

 

महाकुंभ 2025

News Subah Ki: महाकुंभ 2025, में अखाड़ों-कल्पवासियों और संस्थाओं को भोजन के लिए किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने बहुत ही शानदार व्यवस्था प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ मेला में किया है। उन्होंने इसके लिए सस्ता आटा,  सस्ता चावल और सस्ता चीनी की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार के तरफ से करवाया गया है। और सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके, इसको सुनिश्चित करने के लिहाज से मेला क्षेत्र में 138 दुकानों पर विशेष इंतजाम किया गया है। और खाना पकाने के लिए सस्ता गैस और सिलैंडर की भी उचित व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से किया गया है।

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प्रयागराज के महाकुम्भ में राज्य सरकार के द्वारा सस्ता आटा, चावल की व्यवस्था:

प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ मेला में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने अखाड़ों, संस्थाओं और कल्पवासियों के लिए बड़े पैमाने पर अन्न भंडार की व्यवस्था किया है। ऐसा पहली बार हो रहा है, कि जब महाकुम्भ में इतने बड़े पैमाने पर नाम मात्र कीमत पर राशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री के निर्देश पर अखाड़ों-संस्थाओं और कल्पवासियों को मात्र ₹5 रुपए प्रति किलो के भाव से आटा और ₹6 रुपए प्रति किलो में चावल उपलब्ध कराने की व्यवस्था किया गया है, जिसके लिए मेला क्षेत्र में 138 उचित मूल्य की दुकानों पर राशन उपलब्ध कराया गया है।

महाकुम्भ में सस्ता चीनी की भी व्यवस्था 

महाकुंभ मेला में इन दुकानों पर कल्पवासियों के लिए 1,20,000 सफेद राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था की गई है। कल्पवासियों को 18 रुपए प्रति किलो की दर से चीनी भी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं अखाड़ों और संस्थाओं को 800 परमिट कार्ड दिए जाने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, “राशन देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भोजन पकाने के लिए भी सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। अधिकारियों ने कहा, “महाकुम्भ में अखाड़ों-कल्पवासियों और संस्थाओं को भोजन के लिए समस्याओं का सामना न करना पड़े।

इसके लिए मेला क्षेत्र में 138 दुकानों पर विशेष इंतजाम किया गया है। साथ ही अन्न भंडार के 5 गोदाम भी तैयार किए गए हैं। इन गोदामों पर 6,000 मीट्रिक टन आटा, 4,000 मीट्रिक टन चावल और 2,000 मीट्रिक टन चीनी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि जनवरी से फरवरी अंत तक राशन की यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, और 100 क्विंटल सामग्री हर दुकान पर उपलब्ध कराई जा रही है।

महाकुंभ मेला में गैस सिलैंडर भी उपलब्ध:

महाकुंभ मेला में सस्ता राशन देने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने भोजन पकाने के लिए भी सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इस काम के लिए सभी 25 सेक्टर्स में एजेंसियां निर्धारित की गई हैं। ये एजेंसियां कल्पवासियों, अखाड़ों और संस्थाओं को नया गैस कनेक्शन प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही उन्हें रिफिल करने का भी पूरा इंतजाम किया गया है। इसके अलावा जिन कल्पवासियों के पास अपना खुद का खाली गैस सिलेंडर है, उन्हें भी यहां पर रीफिल कराये जा सकते हैं। किसी को कोई समस्या न हो इसके लिए तीन विशेष प्रकार के सिलेंडर भरने की व्यवस्था महाकुंभ में की गई है। इनमें 5 किलो, 14.2 किलो और 19 किलो के सिलेंडर भरे जा सकते हैं।

महाकुंभ में स्वागत के लिए तैयार किया गया विशाल त्रिशूल और डमरू 

Maha Kumbh 2025


संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए शहर को बेहद खूबसूरती से सजाया जा रहा है। धर्म-आध्यात्म और संस्कृति से जुड़ी हुई तमाम कलाकृतियां तैयार की गई हैं। इसी कड़ी में बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी समेत पूर्वांचल और बिहार समेत दूसरे राज्यों की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओ के स्वागत के लिए एक विशालकाय डमरू तैयार किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र से थोड़ी दूर पहले स्थापित किए गए इस विशालकाय डमरू को इतनी खूबसूरती से तैयार किया जा रहा है, कि देखने वालों की नजर नहीं हट पा रही है।

स्वागत में भगवान शिव का डमरू लगवाया 

यह विशालकाय डमरू महादेव की नगरी काशी से महाकुंभ क्षेत्र में दाखिल होने वाले रास्ते पर झूसी इलाके में दोनों तरफ की सड़क के बीचो-बीच लगाया गया है। कांसे और अन्य धातुओं से तैयार किए गए इस डमरू को एक बड़े प्लेटफॉर्म यानी चबूतरे पर रखा गया है। इस डमरू की चौड़ाई तेरह फुट और ऊंचाई आठ फुट के करीब है। अगर प्लेटफार्म को भी जोड़ दिया जाए तो डमरू की ऊंचाई करीब बीस फुट हो जाती है। इस डमरू को गाजियाबाद की एक कंपनी ने करीब सौ दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया है। तकरीबन दो दर्जन शिल्पकारों की टीम ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर इस डमरू को तैयार किया है।

साथ ही भगवान शिव का त्रिशुल भी लगा 

डमरू भगवान शिव का अत्यंत प्रिय वाद्य यंत्र है। उन्होंने डमरू की धुन पर ही तांडव नृत्य किया था, इस डमरू के साथ भोलेनाथ के अस्त्र त्रिशूल को भी रखा गया है। यह त्रिशूल डमरू से भी ऊंचा है। सूरज की सीधी किरणें जब इस त्रिशूल पर पड़ती हैं तो इसकी छटा देखते ही बनती है। इस विशालकाय खूबसूरत आकर्षक और मन को मोह लेने वाले डमरू को शिल्पकार सुनील पाल और उनकी टीम ने तैयार किया है। उत्तर प्रदेश जल निगम की ओर से तैयार कराए जा रहे इस डमरू को नागेंद्र कुमार की कंपनी स्थापित कर रही है। डमरू को इतनी खूबसूरती से तैयार किया गया है कि उस पर लगी रस्सी के एक-एक बल साफ नजर आ रहे हैं।

प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक भी लगा स्वागत में!

झूंसी में रेलवे ब्रिज के पास जिस जगह डमरू को स्थापित किया जा रहा है, उसे एक पार्क के तौर पर तैयार किया जा रहा है। रेलवे लाइन के दूसरी तरफ डमरू की ही तरह बड़े आकार का स्वास्तिक भी तैयार किया जा रहा है। स्वास्तिक के चारों कोनों पर हाथ की आकृति बनाई गई है। यह डमरू और स्वास्तिक लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग अभी से इसकी तस्वीर और सेल्फी ले रहे हैं, बल्कि यह आस्था का मेला शुरू होने पर महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का खास अंदाज में स्वागत व अभिनंदन भी करेगा।

Disclaimer: ये लेख इंटरनेट पर आधारित है, इस लेख को लेकर कोई प्रकार का दावा या क्लेम करना अनुचित एवम् अमान्य होगा।

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