भारत के लिए बड़ा खतरा, दुनिया की ड्रोन महाशक्ति बना तुर्की, ड्रोन हथियार बाजार पर अब उसका नियंत्रण...

 

बायरकटर TB2 ड्रोन
बायरकटर TB2 ड्रोन

News Subah Ki: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन जिन्होंने उन्नत लड़ाकू जेट, किलर ड्रोन, युद्धपोत और टैंक के वादों के साथ अपनी चुनावी जीत हासिल की, उनके पास जश्न मनाने का एक और कारण है। तुर्की अब दुनिया के ड्रोन बाजार में 65% हिस्से पर हावी है, और दुनिया भर में लड़ाकू ड्रोन क्षेत्र के 60% हिस्से को नियंत्रित करता है। तुर्की की प्रमुख ड्रोन निर्माण कंपनी Barkat के प्रमुख सेल्कुक बायरकटर ने हाल ही में घोषणा की है, कि तुर्की दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन उत्पादक देश बन गया है। सेल्कुक, जो एर्दोगन के दामाद भी हैं, और इनको व्यापक रूप से तुर्की नेता एर्दोगन का संभावित राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। 

TB 2 ड्रोन एक तुर्की निर्मित मध्यम ऊंचाई वाला लंबी अवधि तक उड़ान भरने वाला मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है, जिसे बायकर द्वारा विकसित किया गया है। यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी, निगरानी, टोही और हथियारबंद हमले की क्षमताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। तुर्की के हत्यारे ड्रोन ने Armenia से लेकर Ukraine, सीरिया, लीबिया और अफ्रीका तक तबाही का मंजर छोड़ा है। और भारत जैसे देशों के लिए रणनीतिक चुनौती बनते जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।


 Highlights  


🛩️ वैश्विक ड्रोन बाजार के 65% हिस्से पर हावी है, तुर्की की कंपनी।


🛩️ तुर्की के TB2 ड्रोन के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर में बहुत ही जबरदस्त वृद्धि


🛩️ तुर्की का TB2 ड्रोन लगभग 27 घंटे तक हवा में रह सकता है।


🛩️ बायरकटर TB2 ड्रोन के सफलता के बाद TB 3 और अकिंसी ड्रोन का निर्माण।


🛩️ भारत के पड़ोस पाकिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव में तुर्की ड्रोन की बढ़ती मौजूदगी।


बायरकटर TB2 ड्रोन
बायरकटर TB2 ड्रोन


तुर्की के TB2 ड्रोन Armenia से Syria तक विनाशलीला:


Turkish के ड्रोन ने Armenia के नागोर्नो-काराबाख, रूस - यूक्रेन युद्ध, Africa और हाल ही में सीरिया और लीबिया के संघर्षों में अपनी विनाशकारी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। उसके इस युद्ध कौशल के परिणामस्वरूप तुर्की के TB2 ड्रोन के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर में बहुत ही जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है। सेल UK बायरकटर, जो बायकर के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में भी काम करते हैं, ने इस्तांबुल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बायकर पिछले तीन वर्षों से दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन निर्माता कंपनी बन कर उभरा  है।


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बायकर तुर्की के रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग का चेहरा:


बायकर तुर्की के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण चेहरा बनकर उभरा है। सेल UK के अनुसार, बायकर अब अपने अमेरिकी प्रतिस्पर्धियों से तीन गुना बड़ा और विशाल हो गया है। यह कंपनी न केवल तुर्की रक्षा उद्योग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर ड्रोन के शीर्ष निर्यातकों में से एक है। यह कई तरह के ड्रोन का निर्माण करता है जैसे TB2, TB3 और अकिंसी ड्रोन बायकर के नेतृत्व में ड्रोन बाजार में तुर्की का प्रभुत्व वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी में इसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, जिसमें इसकी मानव रहित हवाई प्रणालियां आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।


तुर्की के ड्रोन ने दुनिया भर में तबाही मचाई:


Turkish का सबसे लोकप्रिय लड़ाकू ड्रोन बायरकटर TB2, आधुनिक युद्ध में एक गेम-चेंजर बन गया है। यूक्रेनी सेना रूसी सेना के खिलाफ इस किलर ड्रोन का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा, अजरबैजान ने नागोर्नो-करबाख संघर्ष में Armenia को हराने के लिए इसे सफलतापूर्वक तैनात किया। North Africa में गृह युद्ध में लगे कई देशों ने भी इस ड्रोन का व्यापक तौर पर उपयोग किया है। बायरकटर के अनुसार, TB2 ड्रोन दुनिया का सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला लड़ाकू ड्रोन है। तुर्की का कुल रक्षा निर्यात $5.5 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जिसमें से एक तिहाई ड्रोन निर्माता बायकर से आता है। तो आइए जानते हैं इस किलर TB2 ड्रोन का संक्षिप्त विवरण।


बायरकटर TB2 ड्रोन
बायरकटर TB2 ड्रोन


किलर TB2 ड्रोन की मुख्य विशेषता:


लंबी अवधि की उड़ान: TB2 ड्रोन लगभग 27 घंटे तक हवा में रह सकता है, जो इसे लंबी अवधि की निगरानी और टोही मिशनों के लिए उपयुक्त बनाता है।


ऑपरेटिंग ऊंचाई: यह ड्रोन लगभग 25,000 फीट (7,620 मीटर) तक की ऊंचाई पर संचालित हो सकता है।


पेलोड क्षमता: TB2 ड्रोन लगभग 150 किलोग्राम तक के पेलोड को ले जाने में सक्षम है, जिसमें लेजर-निर्देशित मिसाइलें और बम शामिल हैं।


सटीक हमले: यह MAM-L और MAM-C स्मार्ट माइक्रो मिसाइलों से लैस है, जो उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों को नष्ट कर सकती हैं।


सस्ता और प्रभावी: अन्य समकक्ष ड्रोनों की तुलना में TB2 की लागत कम है, जिससे यह कई देशों के लिए आकर्षक विकल्प बन गया है।


बायकर ड्रोन की वैश्विक सफलता:


2023 में, बायकर ने बताया था कि उसका 90% राजस्व विदेशी बाजारों से आता है, जिसमें कुल निर्यात $1.8 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया। इस साल अगस्त तक, बायकर ने 34 देशों को बायरकटर TB2 ड्रोन की आपूर्ति करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, Turkish के बड़े अकिंसी ड्रोन को 10 देशों को बेचा गया है।

बायकर तुर्की के पहले मानवरहित Fighter Jet, किज़िलेल्मा पर भी काम कर रहा है, जिसने 2022 में अपनी पहली उड़ान पूरी की। किज़िलेल्मा का बड़े पैमाने पर उत्पादन हाल ही में शुरू हुआ है, जो तुर्की की रक्षा क्षमताओं में एक नए युग की शुरुआत करता है। इसके अतिरिक्त, बायकर नौसेना के अनुप्रयोगों के लिए ड्रोन विकसित कर रहा है, जो विमान वाहक जलपोतों से संचालित करने में सक्षम होंगे।

बायकर ने अब TB2 के उन्नत संस्करण बायरकटर TB3 का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसमें बेहतर क्षमता और मारक क्षमता है। यह किलर ड्रोन भारत के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि इसे भारत के तीन पड़ोसी देशों  Pakistan, Bangladesh और Maldiv ने इन शक्तिशाली ड्रोन को हासिल कर लिया है।


बायरकटर TB2 ड्रोन
बायरकटर TB2 ड्रोन


भारत के लिए नई चुनौती?


बेयरकटार TB3 ड्रोन उन्नत निगरानी कैमरों और वास्तविक समय वीडियो ट्रांसमिशन क्षमताओं से लैस हैं, साथ ही उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम मिसाइलों से भी लैस हैं। Bangladesh कथित तौर पर तनाव बढ़ने की अवधि के दौरान भारतीय क्षेत्र की निगरानी के लिए West Bengal और Meghalay की सीमाओं पर इन TB2 ड्रोन का उपयोग कर रहा है। इस बीच, Maldiv भारत पर कड़ी नज़र रखते हुए समुद्री क्षेत्रों की निगरानी के लिए इन ड्रोन का लाभ उठा रहा है।

भारत के पड़ोस में तुर्की ड्रोन की बढ़ती मौजूदगी तुर्की के तेज़ी से बढ़ते ड्रोन उद्योग द्वारा उत्पन्न बढ़ती रणनीतिक चुनौती को रेखांकित करती है।ड्रोन ने आधुनिक युद्धक्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व को उजागर किया है और यह आधुनिक सैन्य रणनीतियों का एक अभिन्न अंग बन गया है।


Disclaimer: यह लेख इंटरनेट पर आधारित है। इस लेख में लेखक की तरफ से कई त्रुटियां हो सकती हैं, इसलिए 100% सही होने की गारंटी नहीं दिया जा सकता है। इसीलिए इस लेख पर किसी प्रकार का दावा या क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अनुचित एवम् अमान्य माना जायेगा।

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