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सौजन्य: News Subah Ki |
पाकिस्तान की ओर से लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल बनाने पर अमोरिका के एक्शन बाद भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है। इसे लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान की 4 कंपनियों पर बैन लगाया है, जिनमें एयरोस्पेस और डिफेंस एजेंसी, नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) भी शामिल हैं। ये तीनों कराची में स्थित हैं, जबकि ,NDC इस्लामाबाद में है। इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर असर डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर बहुत बारीकी से नजर रखता है और उचित कार्रवाई करता है।
अपनी सुरक्षा को गंभीरता से लेता है- विदेश मंत्रालय
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम अपनी सुरक्षा को गंभीरता से लेते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं। अमेरिका की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को समर्थन देने से इनकार करना वाशिंगटन की पुरानी नीति है। हलांकि यह भी साफ किया गया कि इससे अमेरिका और पाकिस्तान के बीच का सहयोग प्रभावित नहीं होगा।
पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु-हथियार परीक्षण किया, ऐसा करने वाला वह सातवाँ देश बन गया। बुलेटिन का अनुमान है कि पाकिस्तान के शस्त्रागार में लगभग 170 हथियार हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार (19 दिसंबर 2024) को कहा कि पाकिस्तान अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक विकसित कर रहा है जिससे वह अमेरिका सहित दक्षिण एशिया के पार हमला करने में सक्षम हो जाएगा और एक प्रकार से यह बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अमेरिका के लिए खतरा है।
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पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका ने लिया एक्शन
अधिकारी ने कहा, "जो बाइडन प्रशासन ने लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियां विकसित करने से रोक लगाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। पिछले साल के दौरान, हमने पाकिस्तान के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम को समर्थन देने वाली गैर-पाकिस्तानी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तान पर दवाब बनाए रखेगा और अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए कूटनीतिक समाधान की तलाश भी जारी रखेगा। फैक्टशीट में कहा गया है कि जिन अन्य संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं, जो सभी कराची में स्थित हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की कार्रवाई "दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण" है और "सैन्य विषमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से" क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, जो भारत के साथ देश की प्रतिद्वंद्विता का स्पष्ट संदर्भ है।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका का आकलन है कि एनडीसी पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए जिम्मेदार है, जिसमें शाहीन सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल हैं।