नई दिल्ली और ढाका के बीच बढ़ते तनाव के बीच मिस्त्री बांग्लादेश की एक दिवसीय यात्रा पर हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को कहा कि उन्होंने ढाका में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ बातचीत के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।
नई दिल्ली और ढाका के बीच बढ़ते तनाव के बीच मिस्त्री बांग्लादेश की एक दिवसीय यात्रा पर हैं।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने हुसैन के साथ अपनी बातचीत के दौरान बांग्लादेश में अंतरिम प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा,मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है।मैंने आज बांग्लादेश प्राधिकरण की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है।
मिस्त्री अपने बांग्लादेशी समकक्ष के साथ अपनी बातचीत को "स्पष्ट और रचनात्मक" बताया।
उन्होंने कहा हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से संबंधित चिंताओं सहित अपनी चिंताओं से अवगत कराया।
पिछले कुछ हफ्तों में पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे नई दिल्ली में गहरी चिंता पैदा हुई है।
मिसरी ने कहा कि उन्होंने देश में सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की "अफसोसजनक घटनाओं" पर चर्चा की, और कहा कि भारत बांग्लादेशी अधिकारियों से इन सभी मुद्दों पर रचनात्मक दृष्टिकोण की अपेक्षा करता है।
अगस्त में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासन के खत्म होने के बाद बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद बांग्लादेश का दौरा करने वाले मिसरी भारत के पहले उच्चस्तरीय अधिकारी हैं। अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के कारण हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद सत्ता में आए थे।
हाल के हफ्तों में हिंदुओं पर हमलों और हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के कारण संबंध और बिगड़ गए।